गुरुवार, 21 जुलाई 2016

झालावाड़ प्रत्येक व्यक्ति पांच पेड़ लगाए - मुख्यमंत्री




झालावाड़ प्रत्येक व्यक्ति पांच पेड़ लगाए - मुख्यमंत्री

67वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया

झालावाड़ 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने राज्य की जनता का आह्वान किया है कि प्रत्येक व्यक्ति इस वर्ष कम से कम पांच पेड़ लगाए तथा संतान की तरह उसकी रक्षा करे ताकि राजस्थान हरा-भरा बने तथा राज्य में पानी की कोई कमी न रहे।

मुख्यमंत्री आज झालावाड़ जिले की असनावर तहसील के रूपपुरा बालदिया गांव के चारागाह में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान स्थल पर आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वन विभाग इस बार पूरे राज्य में 61 हजार हैक्टेयर भूमि पर ढाई करोड़ पौधे लगा रहा है तथा आज के राज्य स्तरीय वन महोत्सव के दौरान पूरे राज्य में कम से कम 25 लाख पौधे लगाने का कार्यक्रम चल रहा है। झालावाड़ जिले के रूपपुरा बालदियान क्षेत्र में आज 21 प्रजाति के 2100 पौधे लगाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधे लगाने तथा उनको जिंदा रखने से पूरे समाज को लाभ होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण के काम को नरेगा से तथा जिओ टैगिंग से जोड़ा जा रहा है ताकि पेड़ों की पहचान सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पेड़ के पीछे सिर कटवाने की परम्परा रही है। अमृता देवी ने खेजड़ी वृक्ष की रक्षा के लिये अपना सिर कटवा दिया। आज पूरा राजस्थान अमृता देवी को याद करता है।

मुख्यमंत्री ने अग्नि पुराण का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि 10 कुएं खुदवाने से जितना पुण्य मिलता है, उतना पुण्य 1 बावड़ी बनाने से मिलता है तथा 10 बावड़ी बनाने जितना पुण्य 1 तालाब बनाने से मिलता है। 10 तालाब बनाने के बराबर पुण्य 1 कन्या का विवाह करने से मिलता है तथा 10 कन्याओं के विवाह करने जितना पुण्य एक पेड़ लगाने से मिलता है। अतः हम सभी लोग पेड़ लगाकर इतना सारा पुण्य अर्जित कर सकते हैं। यदि हमने पेड़ नहीं लगाये तो एक दिन यह क्षेत्र भी राजस्थान के जैसलमेर-बाड़मेर जिलों की तरह मरुस्थल बन सकता है।

मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य की जनता को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की बधाई देते हुए कहा कि प्रदेशवासियों के सहयोग के बिना यह कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता था। सरकार के पैसे के साथ-साथ जन सहयोग की राशि तथा श्रमदान के माध्यम से दिये गये सहयोग के द्वारा ही इस अभियान को सफल बनाया गया। केवल छः माह के विपुल परिश्रम से जो सुखद परिणाम प्राप्त हुआ है, वह सबके सामने है। जो लोग पहले यह पूछते थे कि क्या इन खड्डों में पानी आयेगा, आज वे स्वयं देख सकते हैं कि इनमें लबालब पानी भरा हुआ है। यदि किसी क्षेत्र के ताल-तलैयाओं में पानी भरा हुआ दिखाई देता है तो यह निश्चित है कि उस क्षेत्र के भूगर्भीय जल स्तर में भी वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सामान्य से लेकर सेना, मीडिया, पुलिस, राजनेताओं, समाज सेवी संगठनों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, साधु, संतों तथा महात्माओं ने इस अभियान में अपने अपने ढंग से सहयोग दिया तथा इसे अपना काम समझकर किया जिसके कारण इस अभियान को इतनी व्यापक सफलता मिल सकी। इस सफलता के लिये उन्होंने टीम राजस्थान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत 1992 काम हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 नवम्बर से इस अभियान का दूसरा चरण चलेगा जिसमें 3600 गांव जोड़े जायेंगे। इस अभियान को मोबाइल एप्लीकेशन वेब पॉइंट से जोड़ा गया है जिसके माध्यम से इसके कार्यों की मॉनिटरिंग किसी भी स्थान से की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक पोस्टर का भी विमोचन किया तथा वन विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण एन. सी. गोयल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य में वन विस्तार करने से हैप्पीनेस इण्डेक्स ऊंचा उठेगा। इस अवसर पर स्थानीय लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को चूनरी एवं तलवार भेंट की गई। प्रजापति समाज ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत-सम्मान किया।

इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री युनूस खान, सांसद श्री दुष्यंत सिंह, राज्य स्तरीय जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष श्री श्रीकृष्ण पाटीदार, विधायक श्री नरेन्द्र नागर, श्री कंवरलाल मीणा, श्री रामचन्द्र सुनारीवाल, राज्य रीवर बेसिन ऑथोरिटी के अध्यक्ष डॉ. श्रीराम वेदिरे, आरपीएससी के सदस्य श्याम सुंदर शर्मा, कमिश्नर स्किल्स एम्पलॉयमेंट एण्ड एण्टरप्रेन्योरशिप कृष्ण कुणाल, जिले के प्रभारी सचिव जे. सी. मोहन्ती, जिला प्रमुख श्रीमती टीना कुमारी भील, संभागीय आयुक्त रघुवीरसिंह मीणा, जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, प्रधान मुख्यवन संरक्षक डॉ. एस एस चौधरी, मुख्य वन संरक्षक इन्द्रराजसिंह, सीसीएफ कोटा, डीसीएफ झालावाड़ सीआर मीणा, एसीएफ जयराम पाण्डेय तथा केतन कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण मण्डल कोटा अमित शर्मा, संजय जैन ताउ तथा नरेन्द्र तोमर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने रूपपुरा की पहाड़ी पर पंचवटी की स्थापना की

झालावाड़ 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने आज राज्य स्तरीय वन महोत्सव की शुरुआत करने से पहले, असनावर तहसील के रूपपुरा गांव के बाहर की चारागाह में स्थित पहाड़ी पर पंचवटी की स्थापना की।

मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से पीपल, बरगद, बिल्वपत्र, आंवला तथा अशोक के पांच फुट से ऊंचे पौधे रोपकर पंचवटी लगाई। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि इन पेड़ों क बीच में एक झौंपड़ी बनायें तथा इसे आदर्श पंचवटी बनायें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन्होंने बड़ी संख्या में वृक्षारोपण करने आये स्काउट एवं गाइड बच्चों से बात करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चा कम से कम पांच पेड़ लगाये तथा उसकी तब तक देखभाल करे जब तक कि पेड़ पूरी तरह बड़ा नहीं हो जाये। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे महाराष्ट्र से बड़े आकार वाले सीडलैस सीताफल का पौधा लाकर राज्य में लगायें।

मुख्यमंत्री ने किया जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों का अवलोकन
झालावाड़ 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने आज रूपपुरा की पहाड़ी से 20 हैक्टेयर भूमि में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत किये गये ट्रीटमेंट कार्यों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने पहाड़ी के चारों तरफ बनी हुई स्टैगर्ड ट्रैंचेज तथा मिनी परकोलेशन टैंकों में भरे हुए पानी को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मुख्यमंत्री को इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत किये गये कार्यों की जानकारी दी।

मौलश्री को याद किया मुख्यमंत्री ने

झालावाड़ 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे जब पंचवटी की स्थापना कर रही थीं, उन्होंने मौलश्री को याद करते हुए वन विभाग के अधिकारियों से पूछा कि मौलश्री भी लगा रहे हो क्या?

उपवन संरक्षक सी. आर. मीणा ने मुख्यमंत्री को बताया कि आज 21 प्रजातियों के 2100 पौधे लगाये जा रहे हैं उनमें एक प्रजाति मौलश्री भी है तथा मौलश्री के भी 100 पौधे लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नीम, अर्जुन, आम, आँवला, जामुन, अमरूद, पीपल, बरगद, गूलर, बिल्वपत्र, सागौन, मोहगनी, बाँस, सेमल, देशी बबूल, बेर, महुआ, चुरैल, सिरस, मौलश्री तथा करंज को मिलाकर कुल 21 प्रजातियां आज के कार्यक्रम में सम्मिलित की गई हैं।

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मीडिया ने कितने पेड़ लगाये

झालावाड़ 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने आज रूपपुरा बालदियान में पत्रकारों से सवाल किया कि वे बतायें उन्होंने इस वर्ष कितने पेड़ लगाये हैं।

इस पर मीडिया प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि जून तथा जुलाई माह में जिला प्रशासन, पंचायती राज विभाग तथा सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के माध्यम से पत्रकार दलों को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों का अवलोकन करवाया गया था। इन दौरों में प्रत्येक पत्रकार ने विभिन्न स्थान पर दो-दो पौधे लगाये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो से काम नहीं चलेगा, तीन-तीन पौधे और लगायें तथा प्रत्येक मीडिया प्रतिनिधि कम से कम पांच पौधे लगाये।

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जिला कलक्टर ने कितने पेड़ लगाये
झालावाड़ 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने आज रूपपुरा बालदियान में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी से भी सवाल किया कि वे बतायें उन्होंने इस वर्ष कितने पेड़ लगाये हैं।

इस पर जिला कलक्टर ने जिले में चलाये जा रहे एक व्यक्ति एक पेड़ अभियान तथा प्रत्येक शनिवार को आयोजित किये जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रम की जानकारी दी तथा बताया कि वे इस वर्ष अब तक 20 पेड़ लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने झालावाड़ जिले में किये जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस सरकारी कार्यक्रम की तरह नहीं करें अपितु पिकनिक की तरह करें। सब लोग इकट्ठे होकर आयें, पेड़ लगायें तथा पिकनिक भी मनायें तथा प्रत्येक व्यक्ति कम से कम पांच पेड़ लगाये।

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