सोमवार, 25 जुलाई 2016

नई दिल्ली।अब भारतीय अर्द्घसैनिक बल पहनेंगे बुलेटप्रूफ हेलमेट, 10 लाख जवानों को अत्याधुनिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र का बड़ा फैसला



नई दिल्ली।अब भारतीय अर्द्घसैनिक बल पहनेंगे बुलेटप्रूफ हेलमेट, 10 लाख जवानों को अत्याधुनिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र का बड़ा फैसला

अब भारतीय अर्द्घसैनिक बल पहनेंगे बुलेटप्रूफ हेलमेट, 10 लाख जवानों को अत्याधुनिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र का बड़ा फैसला
अर्द्घसैनिक बलों के 10 लाख जवानों को अत्याधुनिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब जल्द ही इन्हें हल्के वजन वाले बुलेटप्रूफ हेलमेट मिलेंगे। गृहमंत्री ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। अभी तक अमरीका की सेना में इस तरह के हेलमेट का इस्तेमाल होता है।


दरअसल, सीआरपीएफ, असम राइफल्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) जैसे अर्द्घसैनिक बलों में इनका इस्तेमाल होगा। हालांकि कुछ बलों के पास बुलेटप्रूफ हेलमेट हैं लेकिन वे इतने अत्याधुनिक नहीं हैं। बता दें कि केवल साढ़े तीन लाख जवानों वाली सीआरपीएफ और ढाई लाख जवानों वाली बीएसएफ में पुराने बुलेटप्रूफ हेलमेट का प्रयोग हो रहा है। सीआरपीएफ के पास सिर्फ दो हजार ऐसे हेलमेट हैं। इसके अलावा बीएसएफ के पास केवल 500 हेलमेट हैं।

केंद्र सरकार के अनुसार, अब इन पुराने हेलमेट की जगह बेहद अत्याधुनिक हेलमेट की जरूरत है। इनकी 98 फीसदी कमी है। इनकी संख्या बढ़ाने और इन्हें अपग्रेड करने के लिए नए हेलमेट जवानों को दिए जाएंगे।

देश की आंतरिक सुरक्षा के प्रहरी
सीआरपीएफ जवान नक्सल प्रभावित इलाकों से लेकर कश्मीर घाटी में तैनात हैं। आए दिन उन पर हमल होते हैं। कश्मीर में इन दिनों भीड़ पत्थरों व ग्रेनेड से सुरक्षाबलों पर हमला कर रही है। अत्याधुनिक हेलमेट न होने की वजह से कई जवानों को गंभीर रूप से चोटें आईं।


अभी दो किलो के हेलमेट पहनते हैं

फिलहाल सुरक्षाबलों के जवान पारंपरिक और पुराने हेलमेट पहनकर मोर्चे पर डटते हैं। इनका वजन दो किलोग्राम है। लंबे समय तक लगातार इन्हें पहनने से जवानों को सिरदर्द की शिकायत होती है। वे तनाव में आ जाते हैं।

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