गुरुवार, 12 मई 2016

राजस्व, उपनिवेषन एवं जिले के प्रभारी राज्य मंत्री चौधरी की अध्यक्षता में शुक्रवार को



राजस्व, उपनिवेषन एवं जिले के प्रभारी राज्य मंत्री चौधरी  की अध्यक्षता में शुक्रवार को
जिला स्तरीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक का अयोजन

जैसलमेर , 12 मई। माननीय राज्य मंत्री, राजस्व/उपनिवेषन एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमराराम चैधरी 13 मई शुक्रवार को प्रातः 11 बजेः कलेक्ट्रेट सभागार में मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के संबंध में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण की एक महत्वपूर्ण बैठक लेगें।

जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने संबंधित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देषित किया हैं कि वे अपने-अपने विभागीय प्रगति के साथ इस बैठक में नियत समय पर उपस्थित होना सुनिष्चित करावें।

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भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार

कल्याण अधिनियम के तहत उपकर निष्चित समयावधि में जमा करावें




जैसलमेर, 12 मई/ भवन एवं अन्य संनिर्माण क्षेत्र से संबंधित कार्य के सम्बन्ध में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम 1996 के अन्तर्गत निर्माण कार्य पर नियमानुसार एक प्रतिषत की दर से उपकर जमा किए जाने का प्रावधान रखा गया है।

श्रम कल्याण अधिकारी एवं उपकर निर्धारण अधिकारी भवानीप्रताप चारण ने बताया कि इस अधिनियम की धारा -4 सपठित नियम 6 के अनुसार प्रत्येक नियोजक/ठेकेदार के कार्य आरंभ करने के 30 दिवस में प्रारुप-1 में निर्माण की लागत और उपकर के भुगतान के संबंध में विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

श्री चारण ने बताया कि जिन नियोजकों ने प्रारुप-1 में वांछित सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं वे नियोजक सात दिवस में श्रम कल्याण कार्यालय म्याजलार रोड़ जैसलमेर में सूचनाएं उपलब्ध करावें अन्यथा उपकर अधिनियम 1996 की धारा -5 एवं उपकर नियम 1998 की धारा-7 के अनुसार उपकर निर्धारण की कार्यवाही कर दी जाएगी। उपकर राषि का देरी से भुगतान करने एवं भुगतान नहीं करने की स्थिति में उपकर अधिनियम 1996 के तहत राषि पर 2 प्रतिषत मासिक ब्याज एवं उपकर राषि के बराबर शास्ति अधिरोपित भी किए जाने के प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि नियोजक कार्यालय में उपस्थित होकर फॅार्म 1 में निर्मित किए गये काॅम्पलेक्स से संबंधित सूचनाएं ,भवन/अन्य/ निर्माण कार्य का लेट-आउट, कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण मय दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना सुनिष्चित करें। गौरतलब हैं कि सूचनाएं निष्चित समयावधि में उपलब्ध नहीं करवाने की स्थिति में उपकर अधिनियम के तहत वसूली एवं दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

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