रविवार, 22 मई 2016

बांसवाड़ा.गांगड़तलाई.मौताणे को लेकर बवाल, लाठी-भाटा जंग, एसडीएम की जीप में आग लगाई



बांसवाड़ा.गांगड़तलाई.मौताणे को लेकर बवाल, लाठी-भाटा जंग, एसडीएम की जीप में आग लगाई

मौताणे को लेकर बवाल, लाठी-भाटा जंग, एसडीएम की जीप में आग लगाई
कस्बे में शनिवार को कार की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत के बाद मौताणे की मांग को लेकर बवाल हो गया। मृतक के परिजन और अन्य ग्रामीण शव लेकर कार मालिक के मकान पर पहुंच गए और तोडफ़ोड़ के साथ वहीं शव जलाने पर अड़ गए। तब पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां भांजी, लेकिन आक्रोशित लोगों ने भागते-भागते बाजार में पथराव कर दिया। अफसरों को भागकर जान बचानी पड़ी।




भीड़ ने एसडीएम की जीप में तोडफ़ोड़ कर उसमें आग लगाने का प्रयास किया। तीन अन्य सरकारी वाहनों पर पथराव किया। दुर्घटना करने वाली कार को ग्रामीणों ने आग लगाकर जला दिया। इस घटनाक्रम से बाजार धड़ाधड़ बंद हो गए। लाठी-भाटा जंग में पुलिस के चार जवानों के चोटें आई।




पुलिस ने बचा लिया, नहीं तो मेरी गाड़ी पूरी जला डालते




प्रत्यक्षदर्शी एसडीएम लहरीकुमार जैन ने बताया कि हादसे के बाद शाम करीब पांच बजे दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। इसी बीच मृतक के साथ आए करीब एक हजार ग्रामीणों में से 200-250 युवाओं ने समझौते का विरोध कर चिल्लाना शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और पथराव शुरू कर दिया।




इस पर पुलिस को सख्ती करनी पड़ी और आक्रोशित ग्रामीणों को खदेडऩा पड़ा। इसके बाद मैं भी सड़क पर पुलिस अधिकारियों के साथ आ गया। कुछ ग्रामीण दूर खड़ी जीप तक पहुंच गए और उसके टायरों की हवा निकाल दी। इसके बाद तोडफ़ोड़ कर उसमें आग लगाने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने जीप को बचा लिया। इस घटनाक्रम से कस्बे में अफरा-तफरी मच गई




ऐसे हुआ हादसा




जूनी गांगड़तलाई निवासी कांतिलाल(25) पुत्र कमा शनिवार दोपहर करीब 12 बजे मोटरसाइकिल पर कस्बे से किसी काम के लिए जा रहा था। तभी गांगड़तलाई पंचायत भवन के पास कार से भिडं़त हो गई। हादसे कांतिलाल घायल हो गया। उसे स्थानीय सीएचसी में प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने गुजरात के झालोद रैफर किया, जहां दोपहर में उसकी मौत हो गई।




देर रात शव बांसवाड़ा एमजी अस्पताल लाए




गांगड़तलाई में हादसे के बाद मचे बवाल के बीच देर रात को पुलिस व प्रशासन मृतक कांतिलाल का शव बांसवाड़ा एमजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां प्रशासन की ओर से देर रात को शव का पोस्टमार्टम कराया गया।




तीन लाख में हुआ था समझौता




मृतक पक्ष के लोगों ने पहले 10 लाख का मौताणा मांगा। लंबी बातचीत के बाद मौताणा 3 लाख में तय हो गया। लेकिन मृतक पक्ष के कुछ लोग इस पर राजी नहीं थे।




घर के बाहर अंत्येष्टि के लिए ले आए लकडि़यां




कुछ लोग 3 टै्रक्टर-ट्रॉली में लकड़ी भर कर लाए और कार मालिक के मकान में ही शव जलाने पर उतारू हो गए। इसका कार मालिक के पक्ष के लोगों ने विरोध किया तो झगड़ा बढ़ गया। आक्रोशित लोग पुलिस व अधिकारियों की समझाइश से भी नहीं माने और मारपीट शुरू हो गई।




पुलिस ने लाठियां भांजकर हंगामा कर रहे लोगों को तितर-बितर किया तो लोगों ने भागते-भागते दुकानों के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव किया। भीड़ ने एसडीएम की जीप के अलावा तहसीलदार, डीएसपी और एमबीसी की गाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचाया।




दुकानों में भी नुकसान की सूचना है। इस बीच पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मोर्चरी में पहुंचाया। पुलिस को हालात काबू करनेे में करीब एक घंटे का वक्त लगा।

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