रविवार, 22 मई 2016

नई दिल्ली।भारत में पुराने आईफोन बेचेंगे, लेकिन यह 'डंपिंग' नहीं : कुक



नई दिल्ली।भारत में पुराने आईफोन बेचेंगे, लेकिन यह 'डंपिंग' नहीं : कुक
भारत में पुराने आईफोन बेचेंगे, लेकिन यह 'डंपिंग' नहीं : कुक

एपल भारतीय बाजार में प्री-ओवन्ड (सेकंड हैंड) के नाम पर आईफोन का एक नया बाजार तलाश रही है। वह बाजार जिसमें एपल की ब्रांड वैल्यू तो होगी साथ ही आईफोन कम कीमत पर भी उपलब्ध होगा। कंपनी इस बाजार के आड़े आ रही भारत सरकार को यह समझाने में जुटी है कि प्री-ओवन्ड और रीफर्बिश (नवीनीकृत) आईफोन में अंतर है। प्री-ओवन्ड आईफोन का बेचा जाना डंपिंग नहीं है। एपल के सीईओ टिम कुक ने शनिवार को अपने इस विजन को साफ किया। गौरतलब है कि भारत सरकार एपल की इस योजना को पहले खारिज कर चुकी है।







दरअसल, कंपनी का मकसद किफायती वर्ग वाले भारतीय ग्राहकों से जुडऩा है। भारत दौरे पर आए एपल सीईओ ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'कंपनी सेरटिफाइड सैकंड हैंड आईफोन भारतीय बाजार में उतारना चाहती है लेकिन इसका अर्थ डंपिंग से बिल्कुल नहीं है। प्रोडक्ट की गुणवत्ता खराब नहीं होगी और न ही वे उनका नवीकरण कर बाजार उतारेंगे। इसके लिए कंपनी सरकार के साथ काम कर रही है।' हालांकि उन्होंने माना डंपिंग और नवीकरण संबंधी कुछ गलतफहमियां अभी भी हैं।







पीएम को उपहार में दिया 'नरेन्द्र मोदी' एप

टिम कुक ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को 'नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप' का लेटेस्ट वर्जन तोहफे में दिया। इसमें कार्यकर्ताओं के लिए भी नेटवर्क उपलब्ध है। सोशल मीडिया पर लिखे संदेश में पीएम ने कहा, 'मेरा अनुरोध है कि आप 'माइ नेटवर्क' फीचर को एक बार जरूर देखें। यह आपको सामाजिक मंचों पर अपना योगदान देने में सशक्त करेगा। इसके जरिए आइडिया शेयर कर सकते हैं। रोजमर्रा के कार्यों के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं।' सूत्रों के मुताबिक, टिम ने सेकंड हैंड सेट भारतीय बाजार में उतारने की योजना पर चर्चा की है।







सस्ते आईफोन बना सकते हैं, लेकिन बनाएंगे नहीं

कुक ने साफ किया कि उनका उद्देश्य भारतीय बाजार में सस्ती कीमत पर आईफोन बेचना कतई नहीं है। हम कम कीमत का प्रोडक्ट भी बना सकते हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य बेहतर प्रोडक्ट का निर्माण करना है। सस्ती कीमत वाले ब्रांड में शामिल होना नहीं। हम चाहते हैं कि भारत में एपल डिवाइस को चाहने वालों की इच्छा को सेकंड हैंड आईफोन से पूरा किया जाए।




ऐसे समझें टिम की योजना

कुक ने कहा, कुछ गलतफहमियां हैं कि प्रोडक्ट का नवीनीकरण कर बाजार में उतारा जाएगा, ऐसा नहीं है। हम अमरीका, जापान और दुनिया के कुछ दूसरे देशों में ऐसा कर रहे हैं। हम ऑपरेशनल जिम्मेदारी और ट्रेनिंग देश में लाएंगे, जो ज्यादा महत्वपूर्ण है। सीधे तौर पर सिर्फ सैकंड हैंड आईफोन बाजार में उतारे जाएंगे। आईफोन को नया बनाने की कोशिश नहीं की जाएगी। कुछ सामान्य जरूरी बदलाव ही किए जाएंगे।







इसे डंपिंग भी न समझें

कुक ने यह भी समझाने की कोशिश की कि सेंकंड हैंड आईफोन को भारतीय बाजार में उतारना डंपिंग नहीं है। उन्होंने ऑटोमोबाइल बाजार का उदाहरण देते हुए कहा, लेक्सस, बीएमडब्लूयू जैसी कंपनियों की सेरटिफाइड सेकंड हैंड मार्किट है, इसका अर्थ कारों का डंपिंग होना नहीं है। यदि आप एक स्मार्टफोन खरीदते हो तो आप बिल्कुल यही चाहोगे कि इन कार कंपनियों जैसी ही सुविधा मिले। इस मायने में हम ज्यादा बेहतर हैं, ऑटोमोबाइल की तुलना में हमारा वॉरंटी पीरियड अधिक लंबा होगा।

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