मंगलवार, 24 मई 2016

बाड़मेर, राजस्व लोक अदालतों में 1210 प्रकरणो का निस्तारण



आज होगा कई स्थानो पर राजस्व लोक अदालत का आयोजन
बाड़मेर, 24 मई। बाड़मेर जिले में न्याय आपके द्वार अभियान के तहत 25 मई बुधवार को विभिन्न स्थानां पर राजस्व लोक अदालतां का आयोजन होगा। इस दौरान लंबित राजस्व प्रकरणां का निस्तारण किया जाएगा।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि 25 मई बुधवार को बाड़मेर उपखंड क्षेत्र में अटल सेवा केन्द्र सनावड़ा, रामसर में सियाणी, शिव में काश्मीर, बायतू में सवाउ मूलराज ग्राम पंचायत अटल सेवा केन्द्र, गुड़ामालानी में गोलिया जेतमाल,बालोतरा में बिठूजा,सिवाना में समदड़ी, चौहटन में अटल सेवा केन्द्र आलमसर में आलमसर एवं दीनगढ़ ग्राम पंचायत के लिए लोक अदालत का आयोजन होगा। उन्हांने बताया कि 26 मई को बाड़मेर उपखंड क्षेत्र में अटल सेवा केन्द्र बांदरा, रामसर में इन्द्रोई, शिव में बीजावल एवं रोहिड़ाला ग्राम पंचायत के लिए अटल सेवा केन्द्र बीजावल,बायतू में बायतू भीमजी एवं नगोणी धतरवालां की ढाणी ग्राम पंचायत के लिए अटल सेवा केन्द्र बायतू भीमजी,सिणधरी में डंडाली,बालोतरा में सिणली जागीर, कितपाला, तिलवाड़ा ग्राम पंचायत के लिए अटल सेवा केन्द्र सिणली जागीर,धोरीमन्ना में भीमथल, सिवाना में कुंडल एवं बेरानाडी ग्राम पंचायत के लिए ग्राम पंचायत मुख्यालय कुंडल, चौहटन में ग्राम पंचायत बावरवाला एवं नवापुरा ग्राम पंचायत के लिए अटल सेवा केन्द्र बावरवाला में लोक अदालत का आयोजन होगा।

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के लिए

जिला कलक्टर को सौंपे 9.5 लाख


बाड़मेर, 24 मई। लिग्नाइट माइनिंग कंपनी लिमिटेड की ओर से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में 9 लाख 52 हजार रूपए की सहयोग राशि का चैक बुधवार को जिला कलक्टर सुधीर शर्मा को सौंपा गया। बीएमसीएल की ओर से इसके अलावा 4 जल संग्रहण कार्य भी कराने का भरोसा दिलाया।

जिला कलक्टर कार्यालय में कलक्टर सुधीर शर्मा को बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कंपनी लिमिटेड के सीएसआर हेड विनोद विटठल, डीजीएम पर्यावरण दिलीप नारवानी एवं प्रबंधक पारिस्थितिकी डा.आलोक द्विवेदी ने 9 लाख 52 हजार रूपए का चैक सौंपा। इस अवसर पर जिला कलक्टर शर्मा ने कहा कि इस तरह के सहयोग से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को नई गति मिलेगी। इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई, अधीक्षण अभियंता जलग्रहण हीरालाल अहीर, सहायक अभियंता ताराचंद शर्मा उपस्थित थे। बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कंपनी लिमिटेड के सीएसआर हेड विनोद विटठल ने बताया कि बीएमसीएल की ओर से इसके अलावा बोला एवं विशाला ग्राम पंचायत में जल संरक्षण के चार कार्य करवाए जाएंगे। उन्हांने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत राणीगांव ग्राम पंचायत में बधड़ा नाडी जीर्णाद्वार एवं हमीरसिंह का गांव में 20 लाख की लागत से एनिकट का कार्य करवाया जाएगा। इसके अलावा भादरेस में रामराई नाडी एवं ईश्वरपुरा में गुड़ली नाडी का कार्य करवाया गया है।

लक्ष्यां की पूर्ति के लिए कार्य योजना तैयार करेंः नेहरा
बाड़मेर, 24 मई। बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्यां की पूर्ति के लिए कार्य योजना तैयार करते हुए उसकी क्रियान्विति सुनिश्चित करें। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने यह बात जिला मुख्यालय पर बुधवार को बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान कही।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में सभी विभागां ने बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत बेहतरीन कार्य किया। इसकी बदौलत बाड़मेर जिले को ए श्रेणी प्राप्त हुई। इसके लिए सभी विभाग बधाई के पात्र है। उन्हांने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रम के लक्ष्य प्राप्त होने से पूर्व सभी विभाग पिछले वर्ष के लक्ष्यां से करीब दस फीसदी अधिक लक्ष्य को आधार मानते हुए कार्य योजना तैयार करें। उन्हांने कहा कि बाड़मेर एवं बालोतरा नगर परिषद आवास निर्माण के लक्ष्यां के अनुरूप कार्यवाही प्रारंभ करें। इसी तरह चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि को टीकाकरण अभियान को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहरा ने कहा कि टीकाकरण के लक्ष्यां के प्राप्ति के लिए नियमित रूप पर्यवेक्षण किया जाए। ताकि लक्ष्य प्राप्ति में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो। समीक्षा बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक सती चौधरी, सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग हीरालाल मालू, लेखाधिकारी ताराचंद चौहान, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक घनश्याम गुप्ता समेत कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

लू-तापघात रोगियां के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश
बाड़मेर, 24 मई। बढ़ती गर्मी के कारण लू-तापाघात के रोगियों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समस्त राजकीय चिकित्सा केन्द्रों में विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये गये हैं। दवाइयों की समुचित व्यवस्था के साथ चिकित्सा संस्थानों में 4-4 बेड्स लू और तापाघात के रोगियों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मौसमी बीमारियों के लिए स्थापित किए गए नियंत्रण कक्षों को अनवरत् 24 घंटे चालू रखने एवं किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने की जानकारी प्राप्त होते ही तत्काल रैपिड रेसपोंस टीमें भिजवाने के निर्देश दिए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों की नियमित रूप से समीक्षा कर स्थिति का जायजा लेने एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपचार की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही ग्राम स्तर पर गठित ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समितियों को सक्रिय कर लू-तापाघात की परिस्थितियों से बचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ आवश्यक इंतजाम करवाने के निर्देश दिए गए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस.के.एस.बिष्ट ने बताया कि लू व तापाघात के लक्षणों में सिर का भारीपन व सिरदर्द, अधिक प्यास लगना, थकावट, जी मचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान अत्यधिक (105 एफ या अधिक) हो जाना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास लगना एवं बेहोशी जैसी स्थिति का होना शामिल हैं। तेज धूप में निकलना आवश्यक हो तो ताजा भोजन करके उचित मात्रा में ठंडे जल का सेवन करके ही बाहर निकलना चाहिए। थोड़े-थोड़े अंतराल के पश्चात ठंडे पानी, शीतल पेय, छाछ, ताजा फलों का रस का सेवन करने, तेज धूप में छाते का उपयोग अथवा कपड़े से सिर एवं बदन को ढ़ककर रखने एवं श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखना आवश्यक है। लू-तापाघात से प्रभावित रोगी को तुरन्त छायादार ठंडे स्थान पर लिटाया जाये एवं रोगी की त्वचा को गीले कपड़े से करने के साथ ही रोगी के कपड़ों को ढीला कर दिया जाऐ। रोगी को ठंडे पेय पदार्थ दिया जाये एवं रोगी को तत्काल नजदीक के चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए ले जाया जाए।

आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारियां करने के निर्देश

मानूसन पूर्व की तैयारियो के लिए दिशा निर्देश जारी


बाड़मेर, 24 मई। राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी कर वर्ष 2016 में सक्रिय होने जा रहे दक्षिण-पश्चिम मानसून के मददेनजर जल भराव एवं बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला कलक्टरां एवं संबंधित विभागां को सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए है।

जिला कलक्टर को भेजे गए परिपत्र के मुताबिक मौसम विभाग एक स्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा। जहां से मानसून गतिविधियों की नियमित दैनिक जानकारी जिला कलेक्टरों, आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग को उपलब्ध कराने के साथ डी.आर.एस.एस. को पूर्णतः कार्यशील रखा जाएगा। वर्षा की सूचना भी नियमित रूप से मौसम विभाग को उपलब्ध कराने के साथ बाढ़ की आशंका संबंधित चेतावनी जारी करने के लिए राज्य स्तरीय आपदा नियंत्रण कक्ष में तुरन्त सूचना भेजेंगे। निर्देशां के अनुसार बाढ़ नियंत्रण के लिए सिंचाई विभाग 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा तथा बाढ़ या जल भराव की संभावना में प्रत्येक जिले के संवेदनशील एवं संकटग्रस्त क्षेत्रों का सामना करने के लिए कार्ययोजना बनाएगा। इसी तरह उपलब्ध वायरलैस सैटों को कार्यशील रखेंगे तथा नावों, रक्षा पेटियों, रस्सों, मशालों एवं टॉर्चों की व्यवस्था कराएंगे। सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी विभागों की रिव्यू मीटिंग आयोजित कर यह सुनिश्चित करेंगे कि आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग के निर्देशानुसार कार्य हो चुके हैं या नहीं, यदि नहीं तो आवश्यक कार्यवाही करके कन्टीजेंसी प्लान तैयार कर आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग को भिजवायेंगे। जिला कलेक्टर को 15 जून, 2016 तक अपने जिलों की आपदा प्रबन्धन योजनाएं अपडेट कर कार्यालय को भिजवाने को कहा गया है। परिपत्र में सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीनस्थ जिला अधिकारियों को निर्देश प्रदान करें तथा उनको आगाह करें कि मानसून के समय बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे और विभागीय वांछित सामग्री व उपकरणों के साथ सम्पर्क में रहेंगे। सभी सम्बन्धित अधिकारियों की सूचनाएं जिला कलेक्टरों के पास उपलब्ध रहेगी।

उपलब्ध संसाधनां को चिन्हित करने के निर्देशः प्रत्येक जिले में उपलब्ध संसाधनों को चिन्हित कर उनकी आवश्यकता होने पर अन्य जिलों में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। इसी तरह स्वयंसेवी संगठनां की पहचान कर उनके पास उपलब्ध संसाधन, सामग्री का उपयोग आपदा की स्थिति में करने की व्यवस्था कराने को कहा गया है। वर्षाकाल में नदियों, नहरों, बांधों, तालाबों आदि पर निरंतर भ्रमण करते हुए आने वाले संकट के विषय में अग्रिम चेतावनी देंगे। बांध के गेट खोलने वाले तथा तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों की सूची बनाकर अपने कार्यस्थल पर तैनात रहने के लिए पाबंद करेंगे और नावें, रस्से एवं अन्य उपकरण आदि की बाढ़ संभावित केन्द्रों पर उपलब्धता को सुनिश्चित करेंगे। संभावित संकट की सूचनाएं तत्काल राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष एवं संबंधित विभागों को नियमित रूप से भिजवायेंगे तथा मुख्यालय पर हर समय जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

पंप सेटों एवं पेयजल की व्यवस्थाः जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वर्षाकाल में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर निचले क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए पम्पसैटों की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा तथा जहां बाढ़ की ज्यादा संभावना है वहां बड़ी मात्रा में पम्पसैटों की व्यवस्था रखेंगे। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था एवं पेयजल स्रोतों के क्लोरीफिकेशन की पर्याप्त व्यवस्था हो ताकि दूषित पेयजल जनित बीमारियां न फैल पायें।

खाद्य सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होः खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग वर्षाकाल में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं, केरोसिन एवं अन्य खाद्य सामग्री के भंडारण तथा उसके वितरण की व्यवस्था, वितरण के स्थान का उल्लेख आदि सूचनाएं जिला रसद अधिकारी पारदर्शिता के साथ उपलब्ध कराएंगे। बाढ़ की स्थिति में स्वैच्छिक संगठन भी पीड़ित व्यक्तियों तक समय रहते पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए।

सड़कों की मरम्मत एवं नालों की सफाईः निर्देशां के अनुसार स्थानीय निकाय वर्षा काल में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर शहर की सड़कों की मरम्मत एवं नालों की सफाई की व्यवस्था 15 जून से पहले करें। निचले स्तर से प्रभावित व्यक्तियों, बस्तियों को ऊंचे क्षेत्रों में अस्थायी रूप से रहने हेतु वहां स्थित धर्मशाला, सार्वजनिक स्थलां आदि को चिन्हित किया जाए। बाढ़, वर्षा के एकत्रित पानी को निकालने के लिए कम सैटों का प्रबन्ध करना, मृत पशुओं, मलबा, कचरा आदि को हटाने एवं सुरक्षात्मक उपाय की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

चिकित्सा विभाग नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंः चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को वर्षा काल में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर जीवन रक्षक दवाइयां, बाढ़ के समय आवश्यकतानुसार मोबाइल चिकित्सा दल के गठन की व्यवस्था करने को कहा गया है। बाढ़ के दौरान तथा उसके उपरान्त फैलने वाली बीमारियों जैसे हैजा, पीलिया, मलेरिया, त्वचा सम्बन्धी, फूड पॉइजनिंग आदि के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए है। इसी तरह पशुपालन विभाग बाढ़ के दौरान पशुओं में फैलने वाली बिमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयां, चारे, पशु आहार की व्यवस्था एवं मृत पशुओं का सुरक्षित निस्तरण करने का स्थान भी सुनिश्चित करेंगे।

जिला स्तरीय टोल फ्री नम्बर-1077ः भारत संचार निगम लिमिटेड सभी जिलों में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के टोल फ्री नम्बर-1077 को निरन्तर दुरस्त रखेंगे, आवश्यकता होने पर मोबाइल टावर्स स्थापित करने का प्रबन्ध करेंगे तथा संचार व्यवस्था अबाधित रखेंगे। डाक एवं तार विभाग जल भराव व बाढ़ के दौरान पोस्टल व्यवस्था के लिए विशेष व्यवस्था करेंगे।

होम गार्ड एवं आरएसी की कम्पनियां तैयार रखने के निर्देशः पुलिस विभाग वर्षाकाल में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर होमगार्ड एवं आरएसी की प्रशिक्षित एवं अन्य कम्पनियां तैयार रखेगा। पर्याप्त मात्रा में तैराक एवं नावों की व्यवस्था तथा गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आवश्यकतानुसार गोताखोरों को प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि गोताखोरों की कमी नहीं पड़े तथा कन्टीजेंसी प्लान तैयार कर आपदा प्रबन्ध एवं सहायता विभाग को भिजवाने के निर्देश दिए गए है। प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर, पाली, झालावाड़ एवं भरतपुर युनिट में कार्यरत 745 आपदा मोचन के कार्मिक आपदा के समय विशेष सेवाएं प्रदान करेंगे। विषम परिस्थितियों में राष्ट्रीय आपदा विमोचन बल की सेवाएं भी प्राप्त की जा सकती है। विद्युत वितरण निगम नियंत्रण कक्ष स्थपित कर बाढ़ की स्थिति होने पर विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए आवश्यक उपकरण पोल, कन्डक्टर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, ढीले तारों को कसना एवं कनेक्शनों को टाईट करने का कार्य भी करेंगे।

जिला आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ रहेगा कार्यरतः परिपत्र के मुताबिक सभी जिला कलेक्टर अपने जिलों का आपदा प्रबन्धन एक्शन प्लान रिव्यू करेंगे, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठकें लेंगे तथा सैना तथा वायुसेना के साथ सामजस्य स्थापित करेंगे। मौसम सम्बन्धी घटनाओं की साप्ताहिक समीक्षा बैठक करेंगे। सभी महत्वपूर्ण टेलीफोन नम्बरों की सूची बनाकर आपदा प्रबन्धन से जुड़े सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को उपलब्ध करायेंगे तथा जिले की वैबसाईट पर भी डालेंगे।

सार्वजनिक जर्जर भवनों की होगी पहचानः निर्देशां के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ऐसे सार्वजनिक भवनों की पहचान करेगा जो वर्षाकाल में गिर सकते हैं। विभाग ऐसे भवनों की मरम्मत करायेगा तथा अनुपयुक्त पाये जाने पर उनको गिराएगा। सड़क मार्ग से गुजरने वाले नदी नालों, रपट, कलवर्ट आदि पर होकर वर्षा का पानी बह रहा हो, तो उनको चिन्हित कर दोनों ओर साईन बोर्ड लगाकर यातायात प्रतिबन्धित करेंगे तथा संभावित खतरों पर जंजीर की व्यवस्था करेंगे।

राजस्व लोक अदालतों में 1210 प्रकरणो का निस्तारण
बाड़मेर, 24 मई। न्याय आपके द्वार अभियान के तहत 23 मई को विभिन्न स्थानां पर आयोजित हुई राजस्व लोक अदालतों में 23 मई को 1210 प्रकरणो का निस्तारण किया गया।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि न्याय आपके द्वार अभियान के तहत विशाला आगोर में आयोजित राजस्व लोक अदालत में उपखंड अधिकारी बाड़मेर ने 38 प्रकरण, बालोतरा ने 17, शिव ने 30, चौहटन ने 10 एवं उपखंड अधिकारी धोरीमन्ना ने 106 प्रकरणां का निस्तारण किया। उन्हांने बताया कि बाड़मेर तहसीलदार ने विशाला आगोर में 231, तहसीलदार पचपदरा ने 162, शिव ने 172, सेड़वा ने 185, गिड़ा ने 112 एवं तहसीलदार धोरीमन्ना ने 308 कुल 1072 प्रकरणां का निस्तारण किया। जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि राजस्व लोक अदालतों को लेकर आमजन में खासा उत्साह देखा जा रहा है। संबंधित अधिकारियां को इस अभियान में अधिकाधिक प्रकरणो का आपसी समझाइश के जरिए निस्तारण करने के निर्देश दिए गए है।

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