शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

झालावाड़ लोढ़ाखेड़ा गांव को अब नहीं रहेगी पानी की कमी



झालावाड़ लोढ़ाखेड़ा गांव को अब नहीं रहेगी पानी की कमी

झालावाड़ पंचायत समिति बकानी का ग्राम लोढ़ाखेड़ा पहाड़ी की तलहटी मंे स्थित है। ग्राम मंे चारागाह एवं वन भूमि भी पहाड़ी क्षेत्र मंे ही स्थित है। ग्राम मंे 95 परिवार निवास करते हैं एवं मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं। इस क्षेत्र में वर्षा भी अच्छी होती है किंतु अधिकतर पानी बहकर नालों से होता हुआ दूर नदियों के रास्ते समुद्र तक चला जाता है। इस कारण गांव के जल स्रोत मई-जून की गर्मियां आते-आते सूख जाते हैं। पशुओं की तो कौन कहे, पक्षी तक तरस जाते हैं। ग्राम मंे पीने लायक पानी नहीं रहने से टैंकरों से सप्लाई करनी पड़ती है। रबी की फसल में भी वर्तमान उपलब्ध पानी से मात्रा चालीस प्रतिशत भूमि पर ही सिंचाई हो पाती है।

नवम्बर 2015 मंे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत लोढ़ाखेड़ा गांव का चयन हुआ। जल संचय हेतु किये गये सर्वे के दौरान गांव में 25 एमपीटी, 5 तालाब, 4000 स्ट्रैगर्ड ट्रेंचेज एवं 1 एम.आई.टी. बनाने की डीपीआर तैयार की गई। इन समस्त जल संरचनाओं के निर्माण से ग्राम मंे 22 एमसीएफटी अतिरिक्त वर्षा जल इकट्ठा होना अनुमानित है। इन प्रस्तावित जल संरचनाओं के बनने के उपरान्त गांव मंे कृषि भूमि पूर्ण रूप से सिंचित होगी एवं मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं के लिये भी पीने का पानी साल भर उपलब्ध होगा। जिले में 27 जनवरी से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के काम आरम्भ किये गये। अब तक लोढ़ाखेड़ा गांव मंे 11 एमपीटी एवं 400 स्ट्रेगर्ड ट्रेंचेज के निर्माण का काम पूरा हो गया है तथा काम लगातार जारी है जिसमें गांव वाले भी श्रमदान के माध्यम से सहयोग कर रहे हैं।

गांव वालों का कहना है कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की सरकार ने गांवों के लिये यह अनूठी पहल की है तथा अब हमंे लगने लगा है कि हमारी भूमि भी सिंचित होगी तथा किसानों की फसल के साथ-साथ पशुओं के लिये भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा। किसानों और पशुपालक परिवारों में समृद्धि आयेगी तो गांव मंे पक्के मकान भी बनेंगे।

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