गुरुवार, 1 अक्तूबर 2015

Honour Killing :प्रेम प्रसंग से नाखुश पिता ने अपनी ही बेटी को उतारा मौत के घाट

Honour Killing :प्रेम प्रसंग से नाखुश पिता ने अपनी ही बेटी को उतारा मौत के घाट

राजस्थान के अलवर जिले में ऑनर किलिंग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें पिता नें अपनी बेटी के प्रेम प्रसंग से नाखुश होकर उसे मौत के घाट उतार डाला। मृतका ने हाल ही में देबाशीष नाम के शख्स से शादी की थी ।


पत्नी की ऑनर किलिंग के बाद पति अपनी पत्नी की हत्या का मामला दर्ज करवाने के लिए दर दर भटकता रहा लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नही सुनी । यहां तक कि स्थानीय पुलिस ने भी उसका सहयोग नही किया । हार थककर पीडित नया बास अलवर निवासी देबाशिष मीणा को जयपुर अपराध शाखा के डीजी पंकज कुमार सिंह से गुहार लगानी पडी । जिसके बाद अपराध शाखा में ऑनर किलिंग का मामला दर्ज किया गया ।

झूठी शान के खातिर प्रेमी जोड़ों को मारना ऑनर किलिंग है । कड़े कानून के बावजूद ऑनर किलिंग घटनाये नही रूक रही है । ताजा मामला राजस्थान के अलवर जिले का है जहाँ इंटरकास्ट मेरिज करना पिता को इतना नागुजारा गुजरा कि उन्होंने अपनी बेटी को मौत के घाट उतार दिया।

राजस्थान के अलवर जिले के देवाशीष 2008 में अपने ही गांव की प्रतिभा गुर्जर को दिल दे बेठा । दोनों का प्यार धीरे धीरे परवान चढ़ने लगा। 11 मई 2015 को दोनों ने दिल्ली में हिन्दु विवाह अधिनियम 1955 के तहत आर्य समाज में शादी कर ली।





शादी की रात ही दोनों जम्मू स्थित वैष्णों देवी मंदिर चले गये । देबाशीष ने अपनी शादी की बात अपने दोस्त अर्जुन को बताई जहां से यह बात लडकी के पिता बिशनसिंह के पास पहुंची ।



पिता बिशनसिंह ने पहले तो दोनों को विश्वास में लेकर अलवर बुला लिया और शादी की सहमति देते हुए समाजिक रीति रिवाज से शादी करवाने के लिए प्रतिभा को अपने साथ ले गए । प्रतिभा के पिता ने प्रतिभा की बहन अंजली की शादी के बाद दोनों की शादी करवाने की बात कही।



बहन की शादी के बाद प्रतिभा ने देवाशीष को फोन करना बंद कर दिया जिससे देबाशीष को कुछ गलत होने का अंदेशा हुआ। मामले की जांच करने के लिए देबाशीष प्रतिभा के गांव भरतपुर के नगर थाना स्थित खखावली पहुंचा और माजरा समझा ।



देबाशीष को पता चला की प्रतिभा के परिवार वालों ने उसकी करंट लगाकर हत्या कर दी है । प्रतिभा के परिवार वालों की धमकिया मिलने के बाद देबाशीष जयपुर पहुंचा और महिला संगठनों की सहायता ले रहा है ।



मामले को लेकर देबाशीष ने स्थानीय थाना और कोर्ट के चक्कर लगाए लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नही सुनी बल्कि कुछ लोगों ने देवाशीष को जान से मारने की धमकी दी । झूठी शान के खातिर प्रेमी जोड़ों को मारना ऑनर किलिंग है इसे सुप्रीम कोर्ट बर्बर, सामंती परंपरा और समाज के लिए कलंक बता चुका है ।

कोर्ट ने निचली अदालतों को ऐसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केसों में कड़ी से कड़ी सजा देने को कहा है । इसके बावजूद देवाशीष पुलिस के चक्कर काट रहा । लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई और ना ही चार्जशीट पेश हुई।

परिवादी देबाशीष ने अपनी पत्नी की ऑनर किलींग के मामले में डीजी पंकजकुमार सिंह के हस्तक्षेप के बाद अपराध शाखा में मृतका के पिता बिशनसिंह, चाचा अजीत सिंह, ईश्वर सिंह , अमीचंद और चाचा का लडका राहुल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है ।



देवाशीष को सामाजिक संगठनों की मदद से हो सकता है कि न्याय मिल भी जाये। लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में 15-25 की उम्र के 28 लोग सिर्फ ऑनर किलिंग के शिकार बने हैं। फिर चाहे प्रतिभा गुर्जर हो आरुषि-हेमराज या फिर नीतीश कटारा केस । इन सब घटनाओं ने रिश्तों को कलंकित किया। लेकिन इन सब के बीच देवाशीष मीणा की घटना ने समाज के साथ पुलिस के उन पहरेदारों पर सवाल खड़े कर दिए है जिनके कांधों पर ऐसे गंभीर अपराध को रोकने का जिम्मा है ।

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