शुक्रवार, 8 मई 2015

जेल नहीं जाएंगे सलमान, हाईकोर्ट से मिली ज़मानत

जेल नहीं जाएंगे सलमान, हाईकोर्ट से मिली ज़मानत


बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए बम्बई हाईकोर्ट ने आज हिट एंड रन मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें सुनाई गई पांच साल की सजा पर रोक लगा दी और दोष साबित होने तक उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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ऐसे चली अदालत की कार्यवाही
न्यायमूर्ति अभय थिप्से ने सलमान की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए कहा, वह पिछले लंबे समय से जमानत पर हैं और उनकी आजादी पर रोक नहीं लगाई गई। आम तौर पर, ऐसे मामलों में अपील स्वीकार कर ली जाती है और आरोपी को जमानत दे दी जाती है।हाईकोर्ट जज ने उन्हें निचली अदालत के समक्ष समर्पण करने और 30,000 रुपये का ताजा जमानत मुचलका भरने का आदेश दिया



जमानत की शर्तें निर्धारित करते हुए न्यायाधीश थिप्से ने पूछा कि क्या सलमान का पासपोर्ट उनके पास है। उन्हें बताया गया कि पासपोर्ट बांद्रा पुलिस के पास है और अभिनेता को विदेश जाने से पहले नियमित तौर पर उसकी अनुमति लेनी पड़ती है।



इससे पूर्व अदालत ने दोषसिद्धि के खिलाफ खान की अपील को स्वीकार किया और अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं। बचाव पक्ष के वकील अमित देसाई और श्रीकांत शिवादे ने कहा कि निचली अदालत इस तथ्य को तरजीह देने में असफल रही कि चार गवाहों ने कहा कि 28 सितंबर 2002 को हादसे के वक्त टोयोटा लैंड क्रूजर में चार लोग सवार थे और सलमान का ड्राइवर अशोक सिंह गाड़ी चला रहा था। हादसे में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और चार अन्य घायल हुए थे।

बचाव पक्ष की दलील 'बांद्रा की एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों पर चढ़े वाहन को सिंह चला रहा था, निचली अदालत ने नामंजूर कर दिया था और कहा था कि साक्ष्यों से यह साबित होता है कि अभिनेता उस समय खुद वाहन चला रहा था'।



अभियोजक संदीप शिंदे ने सलमान को जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि मुकदमा समाप्त होने से ठीक पहले सलमान खान ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत यह बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वाहन सिंह चला रहा था। सलमान सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं थे क्योंकि कानूनन उनका मौजूद रहना जरूरी नहीं था।



जज ने कहा दोषी नहीं थे तो क्यूं भागे सलमान

हिट एंड रन मामले में सलमान खान को पांच साल जेल की सजा सुनाने वाले सेशंस कोर्ट के जज डीडब्ल्यू देशपांडे ने विस्तृत फैसले में कहा है कि सलमान को बखूबी मालूम था कि नशे में लापरवाही से गाड़ी चलाने से किसी की जान जा सकती है। अगर सलमान ने वाकई कुछ गलत नहीं किया था तो पुलिस के पास जाने की बजाय वह घर क्यों भाग गए।



सलमान ने नहीं निभाई अपनी नैतिक जिम्मेदारी

240 पृष्ठ के फैसले में जज ने कहा कि सलमान एक बड़े अभिनेता हैं और दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए काफी कुछ कर सकते थे। लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और अगले दिन 10.30 बजे पुलिस के समक्ष पेश हुए। अगर सलमान ने अपराध नहीं किया था तो वह लोगों से कह सकते थे कि ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।



जज देशपांडे ने कहा कि सलमान ने घायलों को अस्पताल जाकर देखने, इलाज में मदद करने या पुलिस के साथ दोबारा घटनास्थल पर पहुंचने जैसा कोई सकारात्मक कदम भी नहीं उठाया। उन्होंने यह तर्क दिया कि 13 साल के मुकदमे के आखिरी वक्त सलमान ने अपनी गवाही में खुलासा किया कि उनका ड्राइवर अशोक सिंह गाड़ी चला रहा था। बचाव पक्ष ने इससे पहले कभी ऐसा दावा नहीं किया।



गैर इरादतन हत्या के आरोप में पांच साल की सजा को जायज ठहराते हुए जज ने कहा कि सलमान अक्सर रेन बार जाते थे और अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी के रास्ते से गुजरते थे, जो बताता है कि उन्हें यह इल्म था कि वहां सड़क किनारे लोग सोते हैं। जज देशपांडे ने उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बायां टायर हादसे से पहले ही फट गया था। कोर्ट ने माना कि टायर कार के टकराने के बाद फटा।

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