शनिवार, 16 मई 2015

राज्य में रोके प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों के काम

राज्य में रोके प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों के काम


जयपुर केन्द्र सरकार से पर्याप्त बजट नहीं मिलने से सार्वजनिक निर्माण विभाग ने प्रदेश में चल रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के काम रुकवा दिए हैं।

केन्द्र ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए महज 350 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। जबकि 315 करोड़ रुपए का भुगतान तो गत वित्तीय वर्ष में बनी सड़कों के पेटे ही करना है। ऐसे में चालू वर्ष के लिए सिर्फ 35 करोड़ रुपए का बजट है।

प्रतिवर्ष इस योजना में प्रदेश को 800 से एक हजार करोड़ रुपए तक का आवंटन होता रहा है। ऐसी स्थिति में विभाग ने आनन-फानन में नई सड़कों के कार्यादेश जारी करने पर रोक लगा दी और चल रहे कार्यों को भी बंद करने को कहा है।

वित्तीय वर्ष 2015-16 में केन्द्र सरकार की ओर से इस योजना में सिर्फ 350 करोड़ रुपए का बजट देने के पीछे राज्य सरकार स्तर से प्रभावी पैरवी नहीं होने की बात सामने आई है।

यह है आदेश

प्रदेश में अधीक्षण अभियंताओं ने निचले स्तर पर जारी आदेश में मुख्य अभियंता के 9 मई, 2015 को दूरभाष पर दिए निर्देशों के मुताबिक काम करने को कहा।

उन्हें बताया गया कि पीएमजीएसवाई में जो कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं और किन्हीं कारणवश ये काम प्रारंभ नहीं किए गए हैं तो उन्हें अग्रिम निर्देश तक रोक दें।

जो कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं, उन्हें सुरक्षित स्तर तक लाया जाकर बंद करवा दें। संबंधित ठेकेदारों को अपने स्तर से निर्देश देने को कहा गया है।

1456 कामों को चाहिए 4368 करोड़

इस वित्तीय वर्ष में सभी 33 जिलों में सड़कों के 1456 नए कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग ने स्वीकृत कर दिए। हरेक कार्य पर करीब तीन करोड़ की लागत आएगी। इस तरह कुल 4368 करोड़ रुपए चाहिए। बजट के अभाव में समस्त टेण्डर रोक दिए गए हैं।

315 करोड़ का भुगतान तो 31 मार्च तक ही बकाया था। अतिरिक्त बजट नहीं मिलेगा, तो नया कार्य करवाना संभव नहीं है। मैं दिल्ली में ही हूं और बजट के लिए केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात की है ।

डीबी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग

विभाग से बजट नहीं मिलने के कारण चल रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्य रुकवाए हैं। जब तक बजट नहीं मिलेगा, तब तक नए कार्य शुरू नहीं किए जा सकेंगे।

राजेश पुरोहित, अधीक्षण अभियंता, सार्व. निर्माण विभाग, राजसमंद

विभाग चल रहे कार्य रुकवा रहा है, ये ठेकेदारों के साथ कुठाराघात है। ठेकेदार के भुगतान

में देरी होगी, तो क्षतिपूर्ति देनी पड़ेगी। शीघ्र भुगतान नहीं होगा, तो ठेकेदार हड़ताल करेंगे।

बीएस राव, प्रदेश संयोजक, राजस्थान पीडब्लूडी कॉन्ट्रेक्टर्स एसो.

विभाग सकते में

हाल ही में केन्द्र ने स्वीकृत 350 करोड़ में से भी महज 155 करोड़ रुपए राज्य सरकार को दिए हैं। इतनी कम राशि मिलने से सार्वजनिक निर्माण महकमे के अधिकारी सकते में हैं कि आखिर बकाया भुगतान कैसे होगा।

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