गुरुवार, 21 मई 2015

जिला कलेक्टर का अस्पताल निरीक्षण।। बाड़मेर की जनता का कलेक्टर को सलाम।।

जिला कलेक्टर का अस्पताल निरीक्षण।।
बाड़मेर की जनता का कलेक्टर को सलाम।।

बाड़मेर स्टाफ के लोग कैसे मरीजो के परिजनों को लुटाते हे यह जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा के आकश्मिक निरीक्षण में सामने आ ही गया।राजकीय अस्पताल बाड़मेर की व्यवस्थाए खुद अस्पताल के कर्मचारी ही बिगड़ रहे हे।इन स्टाफ कर्मियो पर पी एम् ओ  का कोई अंकुश नही।पी एम् ओ की लापरवाही और निजी प्रेक्टिस के लालच के कारन अपने स्टाफ पर प्रसासनिक दबाव बनाने में विफल रहा।।जिला कलेक्टर ने रात्रि साढ़े आठ बजे अस्पताल पहुँच सबको चौका दिया।।आनन् फानन में पी एम् ओ भी पहुंचे।कलेक्टर को पग पग पर अव्यवस्थे दिखी ।।अव्यवस्थाओ की बात छोड़ दे तो सबसे बड़ा आश्चर्य जनक तथ्य सामने आया की अस्पताल के कर्मचारी ही दलाल बने हे।मरीजो के साथ आने वाले परिजनों को कैसे लूट लिया जाता हे कलेक्टर ने प्रत्यक्ष देखा ।गुनहगार परिवादी और साबुत सब मौके पर थे।कलेक्टर ने नर्सिंगकर्मी को समझाईस की।उसके द्वारा गलती मानाने और माफ़ी मांग भविष्य में ऐसा नही करने का कहने पर कलेक्टर ने मामले को वाही पी एम् ओ स्तर पर निपटने का कहा।नर्सिंग कर्मी का दुःसाहस देखिये की कलेक्टर अगले बेड तक मरीज के हाल चल जानने पहुंचे ही नही की उसी रूम में नर्सिंग कर्मी शिकायत करता से ना केवल उलझ गया बल्कि धमकिया देने लगा।।शायद यही वक़्त था प्रसासनिक फैसले का ।कलेक्टर फिर नर्सिंग कर्मी के पास गए।नर्सिंग कर्मी द्वारा बदतमीजी से पेश आने  से कलेक्टर ने माननीय नाते उसे सबक सिख दिया।कलेक्टर के इस निर्णय से अस्पताल के दलाल किस्म के कर्मचारी सबक सीखेंगे।कलेक्टर नेता नही जो हर पन्द्रह दिन में दौर कर अखबारो में निरीक्षण की फ़ोटो अखबारो में छपवा अपने कर्तव्य की इति श्री कर ले।नेता कभी अपने निरीक्षण के बाद व्यवस्थाओ का फॉलो आप नही लेते ।क्योंकि इस अस्पताल में वर्षो से नेताओ के चमचे जमे हे अपना सामानांतर व्यापर और दलाली का काम कर रहे हैं।वोट की राजनीती के चलते इन निरंकुश कर्मचारियों को हटाया भी नही जाता।।मगर कल निरीक्षण जिला कलेक्टर का था।कलेक्टर अपने सामने ही स्टाफ की मनमानी और गुंडागर्दी कैसे सहन कर लेते।।यह घटना अस्पताल के उन निरंकुश कर्मचारियों के लिए सबक हे।कलेक्टर को भी चाहिए की सरकार के नियम अनुसार तीन साल से ज्यादा समय से एक ही जगह टिक भरष्ट कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की सिफारिश सरकार से करे और नॉन प्रेक्टिस डॉ को पी एम् ओ नियुक्त कराये।।पी एम् ओ लापरवाह ही नही राजनीतिज्ञ भी हे जिसके कारन अस्पताल को सुधारने में कोई दिलचस्पी नही ले रहा।।कलेक्टर द्वारा उठाया कदम बाड़मेर की जनता के पक्ष में हे।।कलेकटर का निरंकुश कर्मचारियों को सीधी चेतावनी हे की अब यह सब न

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें