सोमवार, 11 मई 2015

बाड़मेर विधायक का बहुचर्चित सीडी प्रकरण , हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की याचिका की आंषिक स्वीकार

बाड़मेर विधायक का बहुचर्चित सीडी प्रकरण , हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की याचिका की आंषिक स्वीकार



जोधपुर, 11 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन द्वारा सीडी काण्ड को लेकर बाड़मेर पुलिस कोतवाली मे पत्रकार महावीर जैन वगैरा के विरूद्व दर्ज करवाई गई एफआईआर संख्या 255/12 को रद्द करने हेतु दायर दाण्डिक विविध याचिका पर सुनवाई करते हुए आंषिक रूप से स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने परिवादी विधायक मेवाराम जैन एवं बाड़मेर पुलिस द्वारा इस प्रकरण मे लगाये गये भादस की धारा384 के आरोपों को अवैध मानते हुए खारिज करने का आदेष दिया। अदालत मे महावीर जैन की ओर से अधिवक्ता एसपी शर्मा एवं दलपतसिंह कोटड़ा ने पैरवी की।


अधिवक्ता दलपतसिंह कोटड़ा ने बताया कि 5 जून 2012 को पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के समक्ष विधायक मेवाराम जैन ने परिवाद पेष किया था कि महिला के साथ आपत्तिजनक सीडी उजागर करने की खबरें छापने से रोकने के नाम पर महावीर जैन ने जगदीष वगैरा के जरिए 10 लाख रूपयों की मांग की। इस पर पुलिस ने बाड़मेर कोतवाली थाने मे धारा 384, 385 एवं 500 आईपीसी के तहत महावीर वगैरा के विरूद्व मामला दर्ज किया था। बाद मे पुलिस ने परिवादी विधायक के दबाव एवं प्रभाव मे आकर धारा 384 एवं 385, 500 आईपीसी के तहत आरोप पत्र भी दाखिल कर लिया था।

उन्होने बताया कि उक्त एफआईआर को निरस्त करने की प्रार्थना करते हुए हाईकोर्ट मे दाण्डिक विविध याचिका महावीर जैन द्वारा दायर की गई। अधिवक्ता एसपी शर्मा एवं दलपतसिंह कोटड़ा के माध्यम से दायर इस याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर की पीठ मे सुनवाई हुई। अधिवक्ता ने दलील दी कि परिवादी विधायक मेवाराम जैन ने महावीर जैन की ओर से दायर जनहित याचिकाओं से कुपित होकर झूठा मामला दर्ज करवा कर राजनीतिक दबाव से आरोप पत्र भी दाखिल करवाया हैं। जबकि महावीर जैन ने इस प्रकरण मे किसी तरह की अवैध धनराषि की न मांग की न प्राप्त की। बाद सुनवाई न्यायालय ने माना कि पुलिस द्वारा धारा 384 के तहत महावीर जैन के विरूद्व की गई कार्यवाही विधि सम्मत नही हैं। न्यायालय ने याचिका अंषतः स्वीकार करते हुए धारा 384 के आरोपों से महावीर जैन वगैरा को मुक्त करने के आदेष दिये।

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