गुरुवार, 28 मई 2015

बाड़मेर। शहीद धर्माराम का शव पहुँचा तारातरा ,राजकीय सम्मान के साथ आज होगा अंतिम संस्कार

बाड़मेर। शहीद धर्माराम का शव पहुँचा तारातरा ,राजकीय सम्मान के साथ आज होगा अंतिम संस्कार 


बाड़मेर। शहीद धर्माराम का शव जब शाम 6.30 बजे जालीपा स्थित केंट पहुंचा तो वहां पहले से खड़ा भाई बिंजाराम बॉडी के बॉक्स के लिपट कर बिलख पड़ा। इस बीच सैन्य अधिकारियों ने ढांढस बंधाया। इस दौरान परिवार के अन्य लोग भी मौजूद रहे।


धर्माराम और बिंजाराम दोनों सगे भाई है। बिंजाराम आर्मी में रहते हुए रिटायर्ड हो गए और अब पोस्ट ऑफिस में नौकरी कर रहे है, जबकि धर्माराम वर्ष 2006 से आर्मी में थे। उनके ढाई साल की एक बेटी और पांच माह का बेटा है। पिता गंगाराम को फरवरी 2015 में स्वर्गवास हो गया था, तब धर्माराम अंतिम बार घर आया था।


नई दिल्ली में सुबह 8.30 बजे शहीद धर्माराम के पार्थिक शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसके बाद 11.30 बजे दिल्ली से वायुयान द्वारा शहीद का शव रवाना होकर 12.30 बजे जोधपुर पहुंचा। जहां सैन्य जवानों सहित अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजिल दी।

इसके बाद दोपहर 2 बजे सिविल गाड़ी से शहीद के शव को बाड़मेर लाया गया। शाम 6.30 बजे धर्माराम का पार्थिव शरीर बाड़मेर के जालीपा केंट पहुंचा। जहां सैन्य अधिकारियों परिजनों की मौजूदगी में शव को फ्रिजर में रखवाया गया।गुरुवार तड़के 3 बजे जालीपा केंट से शव को तारातरा के लिए रवाना किया, 4 बजे तारातरा पहुंचा। इसके बाद सुबह 9 बजे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार होगा।


साथ पहुंचे एक सैन्य अफसर, दो जवान:
जम्मू कश्मीर में शहीद हुए धर्माराम के शव को गांव तक पहुंचाने के लिए एक सैन्य अफर और दो जवान जम्मू से बाड़मेर पहुंचे। यहां जालीपा केंट में शव को रखवाया गया। देर रात परिजनों की मौजूदगी में शव के साथ पैतृक गांव पहुंचे।

साहसपूर्वक पराक्रम को सलाम:
बाड़मेर के सपूत मातृ भूमि की रक्षा के लिए आतंकवादियों से लोहा लेते जम्मू में शहीद हो गया। ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के ऊपर से हमले के बावजूद भी धर्माराम ने साहसपूर्वक पराक्रम दिखाते हुए खुंखार आतंकी के छीने में 30 गोलियां दागकर उसे मार गिराया। मातृ भूमि के ऐसे सपूत को देश शत शत नमन करता है।

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