गुरुवार, 14 मई 2015

अजमेर ।नाबालिग से बलात्कार के अभियुक्त को सात वर्ष का कारावास



अजमेर ।नाबालिग से बलात्कार के अभियुक्त को सात वर्ष का कारावास


जिला व सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा ने छातड़ी निवासी रणजीत सैन को सात वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनायी। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

मदनगंज थाने में 23 मार्च 2013 को दी शिकायत में बताया कि उसकी 14 वर्षीय पुत्री रात दस बजे बिना बताए घर से निकल गई जो वापस नहीं लौटी। 26 मार्च 2013 को लिखित रिपोर्ट दी इसमें उसने बताया की उसकी पुत्री को कालू, नेमीचंद, जितेन्द्र बहला फुसला कर ले गए जिसे मोहल्ले वालों ने देखा। पुलिस ने उक्त रिपोर्ट के बाद अनुसंधान शुरू किया।

पीडि़ता ने अदालत में दिए बयान में बताया कि अभियुक्त उसका रिश्तेदार है, उसकी दादी की मृत्यु पर आया था, 22 मार्च को रात्रि वह घर में पढ़ाई कर रही थी तब आरोपी उसे डरा धमका कर साथ ले गया। रेल लाइन अजमेर पुलिया के नीचे पट्टियों से ढके स्थान पर चार दिन तक रखा वह उसके साथ बलात्कार किया। आरोपित रणजीत सैन के खिलाफ धारा 363,366, 376 व 342 आईपीसी तथा 3/4 यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत किशनगढ़ की अदालत में चालान पेश किया।

कठोर दंड मिले

सजा के बिन्दू पर बचाप पक्ष ने आरोपित के नवयुवक व अविवाहित होने तथा पूर्व में दोष सिद्ध नहीं होने के आधार पर नरम रुख अख्तियार करने को कहा। दूसरी ओर लोक अभियोजक अजय वर्मा ने अवयस्क बालिकाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को देखते हुए कठोर दंड दिए जाने की मांग की।

यह दी सजा

अदालत ने अपराध की प्रकृ ति को देखते हुए आरोपित को यौन अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम की धारा 3/4 तथा भादस की धारा 366 के तहत सात वर्ष के कठोर कारवास व क्रमश: 50 हजार तथा 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनायी। जुर्माना नहीं देने पर एक पर्ष कठोर करावास, धारा 363 केतहत तीन वर्ष का कारावास 10 हजार रुपए जुर्माना, अदम अदायगी जुर्माना 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए। इसी प्रकार धारा 342 के तहत एक वर्ष का साधारण कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनायी। जुर्माने से प्राप्त राशि में से 50 हजार रुपए प्रतिकर के रूप में पीडि़ता को दिलाने के आदेश दिए।

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