रविवार, 31 मई 2015

झुंझुनूंबीएसएफ के सहायक कमांडेंट को इस जुर्म में दस साल की सजा

झुंझुनूंबीएसएफ के सहायक कमांडेंट को इस जुर्म में दस साल की सजा

गांधीनगर (गुजरात) के अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने दहेज के लिए पत्नी की हत्या के आरोप में बीएसएफ के सहायक कमांडेट को दस साल के कारावास व आर्थिक दंड से दंडित किया है।
प्रकरण के अनुसार झुंझुनूं के इंदिरा नगर निवासी सुशीला ढाका की बेटी प्रीति दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर कार्यरत थी। उसकी शादी 30 नवंबर 2012 को बीएसएफ में सहायक कमांडेंट पद पर कार्यरत जिले के फिरास का बास निवासी सुनिल कुमार के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद सुनिल व उसके परिजनों ने प्रीति को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया।
सुनिल ने प्रिती के पीहर पक्ष से गाड़ी व फ्लैट की मांग करते हुए नहीं देने पर प्रीति को मारने की धमकी दी। इसके बाद सुनिल बाड़मेर से प्रशिक्षण के लिए गांधीनगर गया। इस पर उसने छह जनवरी 2013 को प्रीति को भी अपने पास बुला लिया। इसके बाद गांधीनगर के सेफावाड़ा में बीएसएफ के प्रशिक्षण केंद्र में बने कमरे में 12 जनवरी 2013 को प्रीति ने दहेज के लिए परेशान करने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इस पर उसकी मां सुशीला ढाका ने गांधीनगर के चिलोड़ा पुलिस थाने में मृतका के पति सुनिल कुमार, सास विमला देवी, ननद अनिता के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। गांधीनगर के अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश आरके धोधारी ने मामले की सुनवाई करते हुए मृतका के पति सुनिल कुमार को दस साल की सजा व आर्थिक दंड से दंडित करते हुए मृतका की सास विमला व ननद अनिता को बरी करने का आदेश दिया। मृतका के परिजनों की ओर से पैरवी एडवोकेट सुनिल पंड्या ने की।

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