शुक्रवार, 8 मई 2015

जेल जाने की तैयारी में 746 सरपंच, फर्ज़ी मार्कशीट से लड़ा था चुनाव

जेल जाने की तैयारी में 746 सरपंच, फर्ज़ी मार्कशीट से लड़ा था चुनाव


— पंचायतीराज के मुन्नाभाई या पंचायत के बंटी बबली या सरपंची का फर्ज़ीवाड़ा या जेल जाने की तैयारी में 746 सरंपच
— 746 सरपंचों ने फर्जी मार्कशीट से लड़ा चुनाव, पंचायत राज विभाग ने शुरु की जांच
— पाली जिला प्रमुख, 6 प्रधानों के खिलाफ भी है फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़़ने की शिकायतें
— 777 पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के खिलाफ है फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज लगाने की शिकायतें
— अब तक दर्ज हो चुकी 479 एफआईआर ​
— बाड़मेर, दौसा, करौली और झालावाड़़ में है फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा मामले
— जांच पूरी होने के बाद पद जाएगा, जाना होगा जेल




जयपुर। पंचायत चुनावों में शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान लागू होने के बाद इस बार खूब फर्ज़ीवाड़ा हुआ। प्रदेश के 746 सरंपचों ने शैक्षणिक योग्यता के फर्जी दस्तावेजों के जरिए चुनाव लड़ा और सरपंच बन गए। 6 प्रधान, पाली जिला प्रमुख और पाचं जिला परिषद सदस्यों, 11 पंचायत समिति सदस्यों और 8 वार्डपंचों के खिलाफ शैक्षणिक योग्यता के फर्जी दस्तावेज पेश करने की शिकायतें पंचायतीराज विभाग को मिली हैं। इस तरह कुल मिलाकर 777 पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ने की शिकायतें हैं।

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पंचायतीाज चुनावों में फर्जी मार्कशीट के मामले रिजल्ट आने के बाद से ही आने शुय हो गए थे। पंचायतीराज विभाग के पस इसकी शिकायतों के ढेर लग गए हैं। पंचायतीराज विभाग के पास 777 पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ने की शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों पर पंचायतीराज विभाग ने जांच शुरु कर दी है। फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ने वाले 479 पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।



सरकार ने इस बार सरपंच के लिए आठवीं, जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए 10 वीं पास होने की अनिवार्यता लागू की थी। आदिवासी इलाकों में सरपंच के लिए पांचवीं पास की योग्यता लागू की थी। आनन फानन में आॅर्डिनेंस से लागू इस कानून की तोड भी कई लोगों ने निकाल ली और फर्जी मार्कशीट लगाकर चुनाव लड़ लिया। लेकिन चुनाव जीतने के साथ ही फर्ज़ीवाड़ा भी सामने आने लगा। आरटीआई ​के जरिए इन सरंपचों और दूसरे पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों की मार्कशीट की सच्चाई जानी गई तो प्याज के छिलकों की तरह झूठ की परतें उतरती गईं। फर्जीवाड़े में बाड़मेर जिला सबसे आगे हैं जहां 94 सरंपचां के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ने की शिकायतें हैं, वहीं दौसा से 73, करौली में 58, झालावाड़ में 44, बीकानेर में 37, भीलवाड़ा में 35 और जयपुर में 32 सरपंचों ने फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ा है।

फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ने वालों के खिलाफ पुलिस और पंचायतीराज विभाग दोनों जांच कर रहे हैं। जाचं में अगर फर्ज़ीवाड़ा साबित होता है तो सरपंच, प्रधान और दूसरे पंचायतीराज जनप्रतिनिधियां के पद तो जाएंगे ही जेल की हवा भी खानी पड़ेगी।



किस जिले में कितने सरंपचों ने फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ा
बाड़मेर : 94
दौसा : 73
करौली : 58
झालावाड़ : 44
बीकानेर : 37
भीलवाड़ा : 35
जयपुर : 32
धौलपुर : 31
अजमेर : 30
बांसवाडा : 28
नागौर : 25
डूंगरपुर : 21
श्रीगंगानगर : 19
जैसलमेर : 19
जालौर : 19
बूंदी : 18
सीकर : 18
हनुमानगढ : 15
पाली : 15
प्रतापगढ : 14
राजसमंद : 13
चूरू : 11
झुंझुनू : 11
कोटा : 10
सवाईमाधोपुर : 10
अलवर : 09
बारां : 08
चित्तौड़गढ : 08
जोधपुर : 06
टोंक : 06
उदयपुर : 04
भरतपुर : 03
सिरोही : 02


फर्जीवाड़े पर एफआईआर :

— गंगानगर में पदमपुर के प्रधान सिंधारा सिंह के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़़ने के आरोप में एफआईआर
— पाली जिला प्रमुख के खिलाफ भी फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़ने का मामला
— बाड़मेर में रामसर प्रधान मेहरा खान के खिलाफ दर्ज हुई फर्जी मार्कशीट से चुनाव लड़़ने पर एफआईआर



फर्जीवाड़े में अब तक पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के खिलाफ एफआईआर में टॉप जिले

करौली : 57
बाड़मेर : 48
दौसा : 47
बीकानेर : 38
भीलवाड़ा : 36
जयपुर : 26
झालावाड़़ : 25
नागौर : 25
सीकर : 18

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