शनिवार, 16 मई 2015

नागौर में दलितों ने 3 जाटों को ट्रैक्‍चर से कुचला, महिलाओं को सरिया-लाठी से पीटा

नागौर में दलितों ने 3 जाटों को ट्रैक्‍चर से कुचला, महिलाओं को सरिया-लाठी से पीटा


नागौर जिले के डांगावास और आसपास के गांवों में हजारों दलितों ने अपना घर छोड़ दिया है. शुक्रवार को कथित रूप से जाट समुदाय के कुछ लोगों ने तीन दलितों को ट्रैक्‍टर से कुचल दिया. इस घटना में कई दलित जख्‍मी भी हो गए.इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का महौल है. हालात को काबू करने के लिए प्रशासन ने गांव में पांच थानों की पुलिस तैनात किए हैं.

नागौर में दलितों ने 3 जाटों को ट्रैक्‍चर से कुचला, महिलाओं को सरिया-लाठी से पीटा

गुरुवार को दलित समुदाय के लोगों की तरफ से की गई फायरिंग में रसूखदार तबके के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. दिनदहाड़े पूरे गांव के सामने एक शख्स को गोली से उड़ाए जाने के बाद गुस्साए जाटों ने तीन दलितों को ट्रैक्टर से कुचल डाला. इस हादसे में कई लोग जख्‍मी हो गए.

घर को ट्रैक्‍टर से ढहाया
एक घायल महिला ने बताया कि भीड़ से बचने को हम जहां भी छिपे, लोगों ने वहीं पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया. घर की छत पर चढ़े तो उस घर को ही ट्रैक्‍टर से ढहा दिया.

एक अन्‍य जख्‍मी खेमा राम ने बताया कि 23 बीघा जमीन के विवाद में आरोपियों ने उन्हें पंचायत में बुलाया था. पंचायत में उसके परिवार के कई लोग थे. बातचीत के दौरान ही आरोपियों ने उनके अर्जुन के सिर पर लाठी से वार कर दिया था.

बेहोश अर्जुन बंदूकधारी आरोपी पर गिर गया. इसी दौरान बंदूक का ट्रिगर दबा और गोली रामपाल के लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई. इसी के बाद जाटों ने दलितों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. यहां तक कि हमलावरों ने महिलाओं को जमीन पर गिराकर लाठी-सरियों से प्रहार किए.

200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
इस मामले में मेड़ता सिटी थाने में 12 नामजद सहित 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. फायरिंग में घायल 5 लोगों को गंभीर हालत में अजमेर के राजकीय अस्पताल में इलाज जारी है.

बताया जा रहा हैं कि दोनों ही अस्पतालों के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. एक पक्ष के लोग दूसरे पक्ष के लोगों को मारने के लिए अस्पताल तक पहुंच गए थे. मामलें की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के बाहर भी पुलिस तैनात करनी पड़ी.

क्‍या है विवाद?
जमीनी विवाद के चलते गुरुवार को भी जाटों और दलितों के बीच फायरिंग हुई थी. इस गोलीबारी में चार लोगों की जान चली गई थी, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्‍मी हो गए थे.

स्‍थानीय लोगों का कहना है कि इस विवाद के पीछे दशकों पुराना भूमि विवाद है. यह भूमि विवाद साल 1964 से ही चला आ रहा है. इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का महौल है. हालात को काबू करने के लिए प्रशासन ने गांव में पांच थानों की पुलिस तैनात किए हैं.

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