शनिवार, 18 अप्रैल 2015

हाली अमावस्यां पर जमी रैयाणे, देखे जमाने के शगुन


हाली अमावस्यां पर जमी रैयाणे, देखे जमाने के शगुन
मिला अच्छे जमाने का शगुन
ओम प्रकाश सोनी 
बालोतरा। बालोतरा में हाली अमावस्यां का पर्व परम्परागत तरीके से मनाया
गया। हाली अमावस्या पर शहर के गांधीपुरा में माली समाज की आगामी वर्ष के
शगुन देखने की 80 वर्षो से चली आ रही पमम्परा का निर्वाहन हुआ। शगुन की
सभा में माली समाज के मोजीज लोगो ने षिरकत की। इस दोरान मिट्््््टी के
चार पात्रो को वर्ष के बारह महिनो में मोसम के अनुसार नाम दिया जाता है
ओर बीच में एक बड़ा कटोरा समुचे वर्ष में बारिष होने की मात्रा का प्रतीक
माना जाता है। फिर मिट्टी के पांचो पात्रो में पानी भरा जाता है। बाद में
मिट्टी के पात्रो के पानी में गलकर टूटने के समय के आधार पर बारिष के
शगुन देखे जाते है। कम समय में पात्रो के गलने पर अच्छी बारिष का अनुमान
लगाया जाता है। बुजुर्ग लोग बताते है कि हर बार हाली अमावस्यां पर मोसम
को लेकर मिलने वाले संकेतो पर जो पुर्वानुमान लगाया जाता है वो लगभग सटीक
उतरता है। इस बार शगुन देखने की प्रथा मे आने वाले वर्ष में अच्छी बारिष
होने ओर सुकाल रहने के संकेत मिले है। गोरतलब है कि वर्तमान पीढी भी इस
परम्परा को सही मानकर इसका निर्वाहन कर रही है।

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