गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

अलगाववादी नेता मसरत आलम पर अदालत का बड़ा फैसला, दो साल के लिए भेजा जेल



श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता ने मसरत आलम को एक बार फिर से पीएसए(पब्लिक सेफ्टी एक्ट) के तहत 2 साल के लिए जेल भेज दिया गया है। मसरत को इससे पहले भी 4 साल के लिए पीएसए के तहत जेल में भेजा गया था जिसे भाजपा-पीडीपी सरकार ने मसरत को रिहा कर दिया था। पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को सुनवाई के बिना अधिकतम छह माह तक जेल में बंद रखा जा सकता है। भट को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा आयोजित एक रैली में राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और पाकिस्तानी झंडा लहराने के बाद देशद्रोह और राजद्रोह के आरोप में 17 अप्रैल को गिरतार किया गया था।

पीडीपी की अगुवाई वाली सरकार ने पीएसए के तहत चार साल से अधिक समय तक जेल में बंद रहने के बाद उसे बीते माह रिहा कर दिया था। बडग़ाम के जिला मजिस्ट्रेट अल्ताफ अहमद मीर ने बताया कि भट के खिलाफ पीएसए लागू किया गया है और उसे कोटभलवाल जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तार के बाद 45 वर्षीय कट्टरपंथी नेता को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। पुलिस ने आज बताया कि उसे रात को श्रीनगर से स्थानंातरित कर जम्मू की कोटभलवाल जेल भेज दिया गया। उसने बडगाम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत के लिए आवेदन किया था। मजिस्ट्रेट ने कल अभियोजन पक्ष तथा याचिकाकर्ता की दलीलें सुनीं। इसके बाद अदालत ने जमानत के आग्रह पर अपना फैसला शनिवार तक सुरक्षित रख लिया। पुलिस ने भट, सैयद अली शाह गिलानी और अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ रणबीर दंड संहिता आरपीसी: की धारा 121 एक :देशद्रोह:, 124 :राजद्रोह:, 120बी :आपराधिक षड्यंत्र:, 147 :दंगा फैलाना: सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में अब तक केवल भट को ही गिरफ्तार किया गया है।

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