गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

कभी युवा दिलों की धड़कनें बढ़ाते थे लव लेटर्स



करीब एक दशक पहले तक युवा वर्ग प्रेम पत्र के जरिए ही किसी से प्यार का इजहार किया करता था. नए दौर के मैसेजिंग ऐप ने अब लव लेटर्स को जैसे हमेशा के लिए अतीत की दीवारों में चुनवा दिया हो.

वह 'प्यार भरी पाती' का ही जादू था कि फिल्मकारों ने कई फिल्मों में इसी थीम पर गाने डाले. कई फिल्मों के टाइटल इसी पर रखे गए. बार-बार लव लेटर लिखने, फाड़ने और इसे दिलरुबा और जानेमन तक पहुंचाने की उलझनों के सीन कई फिल्मों में बड़े सलीके से फिल्माए गए. पर अब यह करीब-करीब हर तरफ से नदारद है. जो हकीकत है, वही फिल्मों में भी दिखता है.




अब तो मोबाइल पर बीप-बीप की आवाज के जरिए ही बड़ी आसानी से 'आई लव यू' के मैसेज भेजे जाते हैं, WhatsApp, वाइबर, हाइक जैसे मैसेजिंग ऐप इसे और खुशनुमा एहसास कराने को तैयार मिलते हैं.






इजहार-ए-इश्क के नए तरीके बेहद सुविधाजनक जरूर हैं, पर पुराने लव लेटर की बात जुदा हुआ करती थी. कभी लेटर्स के भीतर गुलाब की पंखुड़ि‍यां, कभी रजनीगंधा का स्प्रे, कभी पिंक कलर से दिल की आकृति...




हर दौर के साथ प्यार के इजहार करने के साधन और तौर-तरीके भले ही बदलते रहे हों, पर यह प्यार तो अजर-अमर है. 'लिखे जो खत तुझे', 'मैंने खत महबूब के नाम लिखा', 'प्यार के कागज पे, दिल की कलम से' जैसे गीत आज भी युवा दिलों की धड़कनें बढ़ाते हैं.


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