बुधवार, 1 अप्रैल 2015

विद्वान भी मानते हैं भगवान महावीर के सिद्धांत



भगवान महावीर स्वामी ने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य।



सभी जैन मुनि, आर्यिका, श्रावक, श्राविका को इन पंचशील गुणों का पालन करना अनिवार्य है। महावीर ने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाई और मार्गदर्शन किया। उनके इन्हीं आदर्शों को दुनिया भर के विद्वानाें ने भी माना है।




तीर्थंकर महावीर अनुपम नेता के साथ अनुभवी मार्ग प्रदर्शक थे। -महात्मा बुद्ध

भगवान महावीर समस्त प्राणियों का कल्याण करने वाले महापुरुष हुए हैं। -शेरे पंजाब लाला लाजपतराय

भगवान महावीर के सन्देश किसी खास कौम के लिये नहीं बल्कि समस्त संसार के लिये हैं। -स्व. पुरुषोत्तमदास टण्डन

भगवान महावीर की अहिंसा विश्व मानव कल्याण के लिये है। -स्व. आचार्य नरेन्द्र देव

भगवान महावीर का अहिंसा सन्देश आज पहले की अपेक्षा अधिक महत्त्व रखता है। देश को मजबूत बनाने के लिये हम सबका कर्तव्य है के हम भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाओं का पालन करें। -स्व. इंदिरा गांधी

भगवान महावीर सत्य और अहिंसा के अवतार थे। उनकी पवित्रता ने संसार को जीत लिया था। भगवान महावीर का नाम यदि इस समय संसार में पुकारा जाता है तो उनके द्वारा प्रतिपादित अहिंसा के सिद्धांत के कारण। अहिंसा धर्म को अगर किसी ने अधिक से अधिक विकसित किया है तो वे महावीर ही थे। -स्व.महात्मा गांधी

यदि संसार को तबाही से बचाना है और कल्याण के मार्ग पर चलाना है तो भगवान महावीर के सन्देश और उनके बताये हुए रास्ते को ग्रहण किये बिना और कोई रास्ता नहीं है। -सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन

भगवान महावीर पुन: जैनधर्म के सिद्धांत को प्रकाश में लाए। भारत में यह बौद्ध धर्म से पहले मौजूद था। प्राचीनकाल में असंख्य पशुओं की बलि दे दी जाती थी। इस बलि प्रथा को समाप्त करने का श्रेय जैनधर्म को है। -स्व.बाल गंगाधर तिलक

भगवान महावीर ने डंके की चोट पर मुक्ति का सन्देश घोषित किया कि धर्म मात्र सामाजिक रूढी नहीं, बल्कि वास्तविक सत्य है। धर्म में मनुष्य और मनुष्य का भेद स्थायी नहीं रह सकता। कहते हुए भी आश्चर्य होता है के महावीर की इस महान विद्या ने समाज के हृदय में बैठी हुई भेद-भावना को बहुत शीघ्र नष्ट कर दिया और सारे देश को अपने वश में कर लिया। -स्व.रवीन्द्रनाथ टैगोर

भगवान महावीर ने स्त्री जाति का महान सुधार किया। जिसका भय महात्मा बुद्ध को था, उसको भगवान महावीर ने कर दिखाया। नारी जाति के वे उद्धारक और अग्रदूत थे। भगवान महावीर के उपदेश शांति और सुख के सच्चे रास्ते हैं। यदि मानवता उनके सदुपदेशों पर चले तो वह अपने जीवन को आदर्श बना सकती है। -आचार्य विनोबा भावे

भगवान महावीर सारे प्राणियों का कल्याण करने वाले आध्यात्मिक महापुरुष हुए हैं। -चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

अहिंसा धर्म जैन अनुयायियों की विशेष सम्पत्ति है। संसार के किसी और धर्म ने अहिंसा के सिद्धांत का इतना प्रचार नहीं किया जितना जैन धर्म ने किया। -स्व.डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

अगर भगवान महावीर के बतलाये हुए सिद्धांतों पर संसार चले तो लोगों में कोई दु:ख न झगड़ा हो। विश्व में शांति बनी रहे। मेरे देश को गर्व है के भगवान महावीर ने समस्त संसार को शांति और अहिंसा का सन्देश दिया। - स्व.जवाहरलाल नेहरू

जो इंद्रियों को जीत सकता है, वही सच्चा जैन है। अहिंसा बहादुरों और वीर पुरुषों का धर्म है। कायरों का नहीं। - स्व.सरदार वल्‍लभभाई पटेल

भगवान महावीर की सुन्दर और प्रभावशाली शिक्षाओं का अगर हम पालन करें तो रिश्वत, बेईमानी, भ्रष्टाचार अवश्य ही समाप्त हो जाये। - स्व.लालबहादुर शास्त्री

भगवान महावीर ने अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत और सहिष्णुता का मार्ग हमें बताया। भगवान महावीर के बताये हुए मार्ग पर चलकर ही हम अपनी कठिनाइयों का समाधान कर सकते हैं। - फखरुद्दीन अली अहमद



-

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें