रविवार, 8 मार्च 2015

बिन फेरे की अनोखी बारात



भरतपुर। अनौखी बारात में रंगों से पुते सतरंगी चेहरे, गले में गूलरी, पदवेश व फलों की माला पहने रंग में सराबोर नाचते-गाते बाराती। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को धुलण्ड़ी पर निकली अजीबो-गरीब बारात का रहा। वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार इस बार होली के मौके पर एक मुस्लिम युवक को दुल्हा बनाकर बारात निकाली गई।




रंगों में सराबोर होकर बैण्डबाजे की धुन पर बारात पुराना बिजलीघर खिरकारी से शुरू होकर सपाट, बस स्टैण्ड, हिण्डौन रोड, हॉस्पीटल रोड, पुरानी सब्जी मंडी, सर्राफा बाजार, पुरानी अनाज मण्डी होते जैन मन्दिर पहुंची। रास्ते में रंगबिरंगे बाराती धूल, गोबर, कीचड, मिटï्टी उड़ाते नाचते गाते जयघोष करते चल रहे थे।




बारातियों ने जैन मंदिर के मुख्य द्वार पर तोरण रस्म की अदा की और बारातियों ने दुल्हे राजा के पदवेश से पिटाई की और बाराती पुन: घर चले गए। इस बारात का लोगों को सुबह से ही इंतजार रहता है। इस बारात के निकल जाने पर ही लोग घरों में होली खेलते हैं। इस बारात की यह मान्यता है कि जिस युवक की शादी में कोई अड़चन आ रही हो।


उसे ही धुलण्डी के दिन दूल्हा बनाकर लाया जाता है और पादुकाओं की माला पहना कर सिर पर मटकी में अग्नि को रखकर बारात निकाली जाने पर उसकी शादी हो जाती है।

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