मंगलवार, 17 मार्च 2015

बाड़मेर। एडमिट सरकारी अस्पताल में और इलाज प्राइवेट अस्पताल

बाड़मेर। एडमिट सरकारी अस्पताल में और इलाज प्राइवेट अस्पताल


चिकित्सकों और स्टाफ में मिली भगती के चलते गरीब मरीजों से मोटे दामो में खर्च करवाये जा रहे है पैसे ,


बाड़मेर। राजकीय चिकित्सालय में स्टाफ और चिकित्सकों की मिली भगती के कारण मरीजो को मोटे दामो में पैसा खर्च करवाया जा रहा हैं। जिले के राजकीय अस्पताल में हड्डी रोग के मरीजो को सागर और डीएचटी हॉस्पिटल में राजकीय अस्पताल ले जाया जाता हैं। एडमिट सरकारी अस्पताल में और इलाज प्राइवेट अस्पताल में। अगर कोई मरीज के शरीर का कोई भी पार्ट फेक्चर हो जाता हैं तो उसे परिजन राजकीय अस्पताल लाते हैं, मगर यहा पर उनका प्राथमिक उपचार किया जाता हैं और स्टाफ के कुछ लोग और डॉक्टर की मिली भगत होने के कारण सागर या डीएचटी अस्पताल ले जाया जाता हैं वहा पर ऊँचे दामो में ओपरेशन कर मरीजो से खुल्ली लूट करते हैं। इस सम्बन्ध में जब स्टाफ से पुछा तो उन्होंने पहले ना नुकर की पर जब उन्हें कहा की खबर नहीं ऐसे ही पूछ रहे हैं तो सब बात बताई की इसमें जो व्यक्ति डॉ के पास मरीज को ले जाता हैं उसे 2 से ढाई हजार रुपये दिए जाते हैं। ऐसे में इन सरकारी डॉक्टरो के होंसले बुलंद हैं और मरीजो को लूटते हैं। यह बात पीएमओ हेमंत सिंघल को भी पता हैं पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। कई बार पीएमओ सिंघल को अवगत करवाया पर वो बात ताल देते हैं। ऐसे में गरीब तबके के लोगो का क्या होगा... क्या प्रशाशन इस पर कोई कार्रवाई करेगा। कई मामले सामने आ सकते हैं अगर जिला कलक्टर महोदय इस को लेकर कोई उचित कदम उठाए तो। आज भी एक मरीज वार्ड में भर्ती हैं जिसका ओरपेशन राजकीय अस्पताल में नहीं बल्कि सागर होस्पिटल में हुआ हैं।

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