बुधवार, 4 मार्च 2015

अक्षरधाम: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक में दर्ज है नाम



नई दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का नाम दुनिया के सबसे विस्तृत मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 2005 में दर्ज हुआ। यह खूबसूरत मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ ही, बहुत ही सुंदर और आकर्षक आर्किटेक्चर के शानदार उदाहरणों में से एक है।

यह मंदिर 10,000 वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रतीक को बहुत विस्मयकारी, सुंदर, बुद्धिमत्तापूर्ण और सुखद रूप से प्रस्तुत करता है। मंदिर भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन आध्यात्मिक संदेशों के तत्वों को शानदार ढंग से दिखाता है। स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण कार्य एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के आशीर्वाद से और 11,000 कारीगरों और हज़ारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के धार्मिक प्रयासों से केवल पांच साल में पूरा हुआ था।
अक्षरधाम: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक में दर्ज है नाम


मंदिर की विशेषताएं -




नीलकंठ वर्णी अभिषेक- एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक परंपरा, जिसमें विश्व शांति और व्यक्ति, परिवार और मित्रों के लिए अनवरत शांति की प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस अभिषेक के लिए भारत की 151 पवित्र नदियों, झीलों और तालाबों के पानी का उपयोग किया जाता है।

ये प्रदर्शनियां हैं आकर्षण-




हॉल 1 - हॉल ऑफ वैल्यूज़ (50 मिनट)

अहिंसा, ईमानदारी और आध्यात्मिकता का उल्लेख करने वाली फिल्मों और रोबोटिक शो के माध्यम से चिरस्थायी मानव मूल्यों का अनुभव।




हॉल 2 - विशाल पर्दे पर फिल्म (40 मिनट)

नीलकंठ नामक एक ग्यारह वर्षीय योगी की अविश्वसनीय कथा के माध्यम से भारत की जानकारी लें। जिसमें भारतीय रीति-रिवाज़ों को संस्कृति और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन-दर्शन में उतारा गया है। इसकी कला और शिल्पकला का सौंदर्य तथा अविस्मरणीय दृश्यावलियों, ध्वनियों और इसके प्रेरक पर्वों को अनुभव किया जा सकता है।




हॉल 3 - कल्चरल बोट राइड (15 मिनट)

भारत की शानदार विरासत के 10,000 वर्षों का सफर कराती है। इसमें आप भारत के ऋषियों-वैज्ञानिकों की खोजों और आविष्कारों की जानकारी लें। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला देखें। अजंता-एलौरा की गुफाओं से होकर जाएं और प्राचीन काल से ही मानवता के प्रति भारत के योगदान की जानकारी लें।

संगीतमय फव्वारा - जीवन चक्र (सुबह के बाद शाम को - 15 मिनट)

एक दर्शनीय संगीतमय फव्वारा शो। इसमें भारतीय दर्शन के अनुरूप जन्म, जीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है।




गार्डन ऑफ इंडिया- साठ एकड़ के हरे-भरे लॉन, बाग और कांस्य की उत्कृष्ट प्रतिमा, भारत के उन बाल-वीरों, वीर योद्धाओं, राष्ट्रीय देशभक्तों और महान महिला विभूतियों का सम्मान किया गया है, जो मूल्यों और चरित्र के प्रेरणास्रोत रहे हैं।




लोटस गार्डन- कमल के आकार का एक बगीचा उस आध्यात्मिकता का आभास देता है, जो दर्शनशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और लीडरों द्वारा बताई जाती है।

कहां स्थित है-राष्ट्रीय राजमार्ग 24, अक्षरधाम सेतु, नई दिल्ली, भारत - 110092




नजदीकी मेट्रो स्टेशन-

अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन (पैदल - 200 मीटर / 7 मिनट)।




परिसर में प्रवेश - निःशुल्क कोई टिकट नहीं।




समय

प्रथम प्रवेश: प्रातः 9:30 बजे

अंतिम प्रवेश: सायं 6:30 बजे

प्रदर्शनी समय: प्रातः10:00 बजे से 5:30 बजे।




प्रवेश

परिसर में प्रवेश- निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

मंदिर एवं बागीचे - निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

प्रदर्शनी एवं संगीतमय फव्वारा - शुल्क 7 टिकट।

अभिषेक दर्शन- निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

अभिषेक पूजा- टिकट शुल्क।




केवल प्रदर्शनी हेतु

वयस्क (12 वर्ष एवं अधिक) रु. 170

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष एवं अधिक) रु. 125

बच्चा (4 से 11 वर्ष) रु. 100

बच्चा (4 वर्ष से कम) निःशुल्क

केवल संगीतमय फव्वारा हेतु:

वयस्क (12 वर्ष एवं अधिक) रु. 30

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष एवं अधिक) रु. 30

बच्चा (4 से 11 वर्ष) रु. 2

बच्चा (4 वर्ष से कम)




सुविधाएं-

पार्किंग- वाहन के प्रकार के अनुसार दरें।

अमानती समानघर- मालिक के जोखिम पर डिपॉजिट (निःशुल्क)

फोटोग्राफ (शुल्क पर)

व्हीलचेयर- रिफंडेबल डिपॉजिट - रु. 100

फूड कोर्ट- भोजन, स्नेक्स एवं पेय-पदार्थ (केवल 100 रु. शाकाहारी)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें