रविवार, 22 मार्च 2015

देश के किसानों को भ्रमित कर रहा है विपक्ष: नरेन्द्र मोदी



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर किसान को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए रविवार को स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण कानून में प्रस्तावित बदलाव कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए है।
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श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में देशभर के किसानों को संबोधित करते हुए उनसे अपील की कि वे किसी के बहकावे में आकर गुमराह नहीं हों। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि यह विधेयक उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए है और उनके हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।



उन्होंने कहा कि प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण विधेयक में किसान का मुआवजा चार गुना किया गया है, भूमि के बदले उसे मुआवजा तो मिलेगा ही उसे कॉरिडॉर बनने की स्थिति में अपने गांव में ही रोजगार मिलेगा और उसके एक बेटे को सरकारी नौकरी दी जाएगी।




श्री मोदी ने कहा कि पुराने कानून में भूमि अधिग्रहण के संबंध में देश में प्रचलित ऐसी 13 बातों जिनमें सबसे ज्यादा जमीन ली जाती है, को शामिल नहीं किया गया था जैसे रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग और खदान के काम। इन्हें बाहर रखने से इन 13 प्रकार के कामों के लिए जमीन लेने पर किसानों को वही मुआवजा मिलेगा जो पहले वाले कानून से मिलता था।



उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने नये अधयादेश में इन 13 बातों को जोड़ दिया और सुनिश्चित किया कि ज़मीन भले रेलवे के लिए हो, भले राजमार्ग बनाने के लिए हो, लेकिन उसका मुआवजा भी किसान को चार गुना तक मिलना चाहिए।



उन्होंने कहा कि अगर अध्यादेश न लाया जाता तो किसान की जमीन तो पुराने वाले कानून से जाती रहती लेकिन उसको कोई पैसा नहीं मिलता।



उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर भ्रम फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस तरह की कोशिश गांव और किसान को कमजोर करने के षडयंत्र हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भूमि-अधिग्रहण कानून 120 साल पहले बना था और पिछले 60-65 साल से वही कानून चलाने वाले आज किसानों के हमदर्द बन कर आंदोलन चला रहे हैं। वही लोग 2013 में आनन-फानन में एक नया कानून लाए और किसान के हित में हमने भी उनका साथ दिया। कानून लागू होने के बाद हमें लगा कि किसान के साथ धोखा हो रहा है।



प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कानून को लेकर राज्यों से भी आवाज़ आई। कानून को बने एक साल हो गया था लेकिन उस समय कांग्रेस शासन वाले महाराष्ट्र और हरियाणा के अलावा कोई राज्य कानून लागू करने को तैयार ही नहीं था इसलिए सरकार को लगा कि इस कानून की खामियों को बदल कर इसमें सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को लगा कि यह कानून पिछली सरकार ने आनन-फानन में बनाया और इसमें कुछ कमियां रह गई हैं इसलिए कमियों को दूर करने की कोशिश की गई। उनका कहना था कि सरकार का इरादा किसानों, उनकी संतानों तथा गांव का भला करना है इसीलिए कानून में एक प्रामाणिक प्रयास करके कमियों को दूर करने की कोशिश की गई।




- नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। मेरी ओर से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्यवाद।

- आपके पत्रों के आधार पर सरकार में गलतियाँ ठीक करूंगा, काम में तेजी लाऊंगा और न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करूंगा।

- आपका मुझ पर भरोसा है और मैं इस भरोसे को टूटने नहीं दूंगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

- मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपने जो मुझे लिख करके भेजा है, पूरी सरकार को मैं हिलाऊंगा, सरकार को लगाऊंगा कि क्या हो रहा है।

- गुजरात में तो किसान की हालत बहुत ख़राब थी, गांव के गांव खाली हो जाते थे. बदलाव आया, हम पूरे देश में ये बदलाव चाहते हैं।

- आपको उर्वरक का जो फालतू खर्चा होता है वो बच जाएगा। आपकी फसल बढ़ेगी, उस पर हम काम कर रहे हैं।

- भूमि अधिग्रहण नहीं, आपकी भूमि अधिक ताकतवर बने इसीलिए हम “सोइल हेल्थ कार्ड” की बात लेकर के आये हैं, हर किसान को इसका लाभ मिलने वाला है।

- मेरे किसान भाइयों-बहनों हमारी कोशिश है कि देश ऐसे आगे बढ़े कि आपकी जमीन पर पैदावार बढ़े, इसीलिए हमने कोशिश की है सोइल हेल्थ कार्ड की।

- भूमि अधिग्रहण बिल की कमियों को दूर करने के लिए हमारे प्रयास प्रामाणिक हैं फिर भी कोई कमी है तो हम सुधार के लिए तैयार हैं।

- इंडस्ट्रियल कोरीडोर प्राइवेट नहीं है, ये सरकार बनाएगी और उस इलाके के लोगों को रोजगार देगी, जो गांव और किसानों की भलाई के लिए है।

- कोरीडोर के नजदीक जितने गांव आयेंगे उनको वहां कोई न कोई रोजी-रोटी का अवसर मिल जायेगा और उनके बच्चों को रोजगार मिल जायेगा।

- रोड के बगल में सरकार इंडस्ट्रियल कोरीडोर बनाती है, प्राइवेट नहीं, पूंजीपति नहीं, धन्ना सेठ नहीं, सरकार बनाती है।

- मेरे भाइयों-बहनों ये व्यावहारिक विषय है। व्यापार के लिए नहीं है, गावं की भलाई के लिए है, किसान की, उसके बच्चों की भलाई के लिए है।

- क्या हम चाहतें हैं कि हमारे किसानों के बच्चे दिल्ली-मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में जिन्दगी बसर करने के लिए मजबूर हो जाएं?

- भ्रम फैलाया जाता है कि सहमति की जरुरत नहीं हैं। भाइयों- बहनों ये राजनीतिक कारणों से जो बाते की जाती हैं, मेहरबानी करके उससे बचिये।

- प्रोजेक्ट की समय-सीमा बांध कर हमने सरकार की जिम्मेवारी को फिक्स किया है।

- हमने प्रोजेक्ट की समय-सीमा बाँध दी है और उतने सालों में अगर प्रोजेक्ट पूरा नहीं होता हैं तो जो किसान चाहेगा वही होगा।

- हमने एक अथॉरिटी बनायी है जो जिले के किसानों की समस्याओं का समाधान जिले में ही करेगी। वहां अगर संतोष नहीं होता तो कोर्ट जा सकते हैं।

- हिंदुस्तान में कोई भी सरकार आपके कानूनी हक़ को छीन नहीं सकती, संविधान के तहत आप किसी भी कोर्ट में जा कर दरवाजा खटखटा सकते हैं।

- मेरे किसान भाइयों-बहनों एक भ्रम फैलाया जाता है कि आपको कानूनी हक नहीं मिलेगा, आप कोर्ट में नहीं जा सकते, ये सरासर झूठ है।

- मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूँ कि निजी व्यवसाय करने वाले को, 2013 जमीन अधिग्रहण कानून के जितने नियम हैं, वो सारे लागू होंगे।: मोदी

- अगर सुरक्षा के क्षेत्र में कोई आवश्कता हो तो वह जमीन किसानों से मांगनी पड़ेगी और मुझे विश्वास है कि वो किसान देगा: मोदी

- हम तो जय-जवान, जय-किसान वाले हैं. जय जवान का मतलब है देश की रक्षा. देश की रक्षा के विषय में हिंदुस्तान का किसान कभी पीछे हटता नहीं है।: मोदी

- ये जो सारे भ्रम फैलाए जा रहे हैं, वो सरासर किसान विरोधी के भ्रम हैं. किसान को गरीब रखने के षड्यन्त्र का ही हिस्सा हैं: मोदी

- किसान की भलाई के लिए जो हम कदम उठा रहे हैं उसके बावजूद भी अगर किसी राज्य को ये नहीं मानना है तो वे स्वतंत्र हैं : मोदी

- क्या मैं राज्यों पर भरोसा करूँ या न करूँ? इतना बड़ा देश, राज्यों पर अविश्वास करके चल सकता है क्या ?: मोदी

- मेरे किसान भाइयों-बहनों 2014 में कानून बना है लेकिन राज्यों ने उसका विरोध किया. मुझे बताइए क्या मैं राज्यों की बात सुनूं या न सुनूं ?: मोदी

- प्रक्रियाएं लम्बी और जटिल हैं और क्या मैं मेरे अपने किसानों को इस अफसरशाही के चुंगल में फिर एक बार फ़सां दूं ?: मोदी

- हम इस बात पर सहमत हैं कि सबसे पहले सरकारी जमीन का फिर बंजर भूमि, फिर आखिर में अनिवार्य हो तब जाकर के उपजाऊ जमीन को हाथ लगाया जाए।: मोदी

- ये नयी चीज़ हमने जोड़ करके सरकार कि जिम्मेवारी को फिक्स किया है : मोदी

- परिवार के युवक को नौकरी मिले। खेत मजदूर की संतान को भी नौकरी मिलनी चाहिए, ये भी हमने जारी रखा है: मोदी

- शहरीकरण के लिए जो भूमि का अधिग्रहण होगा, उसमें विकसित भूमि 20 प्रतिशत उस भूमि मालिक को मिलेगी ताकि उसको आर्थिक रूप से हमेशा लाभ मिले: मोदी

- पिछली सरकार के कानून के 4 गुना मुआवजे में रत्ती भर भी फर्क नहीं है और जो 13 योजनाएं नहीं थी उसको भी हमने उसमे जोड़ दिया है : मोदी

- सबसे पहले हमने 13 कानून जो कि भूमि अधिग्रहण कानून के बाहर थे, उसको हम इस नए कानून के दायरे में ले आये ताकि किसान को पूरा मुआवजा मिले।: मोदी

- इसीलिए हमें अध्यादेश लाना पड़ा, हम अध्यादेश न लाते तो किसान की जमीन पुराने वाले कानून से जाती रहती, उसको कोई पैसा नहीं मिलता: मोदी

- हमने इसको ठीक किया और कहा- उसका मुआवजा भी किसान को 4 गुना तक मिलना चाहिए। कोई मुझे कहे, क्या ये सुधार किसान विरोधी है क्या?: मोदी

- पिछली सरकार के कानून में 13 चीज़ों को बाहर रखा गया, मतलब किसानों को वही मुआवजा मिलेगा जो पिछले कानून से मिलता था। ये ग़लती थी कि नहीं?: मोदी

- आपको मालूम है, हिंदुस्तान में 13 कानून ऐसे हैं जिसमें सबसे ज्यादा जमीन संपादित की जाती है, जैसे रेलवे, नेशनल हाईवे, खदान: मोदी

- हमारा इरादा है कि किसानों का भला हो, गाँव का भी भला हो और इसीलिए कानून में अगर कोई कमियां हैं, तो दूर करनी चाहिए : मोदी

- ये सारी बातें देख कर लगा कि थोड़ा पुनर्विचार ज़रूरी हैI यदि कुछ कमियां रह जाती हैंI तो उसको ठीक करना चाहिए: मोदी

- किसान हितैषी का दावा करने वालों ने अध्यादेश में जो मुआवजा देना तय किया था उसे आधा कर दिया। अब ये है किसानों के साथ न्याय?: मोदी

- एक साल हो गया, कोई राज्य कानून लागू करने को तैयार नहीं। महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस की सरकारों ने लागू किया था: मोदी

- जब हमारी सरकार बनी, तब राज्यों की तरफ से बहुत बड़ी आवाज़ उठीI इस कानून को बदलना चाहिए, कानून में कुछ कमियां हैं: मोदी

- आनन- फानन में नया कानून लाया गया, हमने भी कंधे से कन्धा मिलाकर साथ दिया था। किसान का भला हो तो साथ कौन नहीं देगा: मोदी

- जो लोग आज किसानों के हमदर्द बन कर के आंदोलन चला रहे हैं, उन्होंने भी इसी कानून के तहत देश को चलाया, राज किया: मोदी

- आप जानते हैं भूमि अधिग्रहण का कानून 120 साल पहले आया थाI देश आज़ाद होने के बाद भी 60-65 साल वही कानून चला: मोदी

- मैं कोशिश करूंगा कि सत्य आप तक पहुचाऊं : मोदी

- किसान भाइयों, ये आपके ढेर सारे सवालों के बीच भूमि अधिग्रहण बिल की चर्चा है, मैं हैरान हूँ कि कैसे- कैसे भ्रम फैलाए गए हैं: मोदी

- मैं मेरे किसान भाइयों-बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं राज्य और भारत सरकार के सभी विभागों को और अधिक सक्रिय करूंगा: मोदी

- किसान कहता है कि हम इतनी मेहनत करते हैं, लोगों का तो पेट भरते हैं लेकिन हमारा जेब नहीं भरता, हमें पूरा पैसा नहीं मिलता है: मोदी

- गांव में सड़क, बिजली नहीं है, खाद की कीमतें बढ़ रही हैं, आपके दर्द को मैं समझ सकता हूँ : मोदी

- राज्य सरकारों को मैंने कहा है कि केंद्र-राज्य मिल कर इन मुसीबत में फंसे हुए किसानों को जितनी ज्यादा मदद कर सकते हैं करें: मोदी

- मैं इस संकट की घड़ी में आपके साथ हूँ : मोदी

- इस बार बेमौसमी बरसात हो गयी, महाराष्ट्र में ओले गिरेI सभी राज्यों में, ये मुसीबत आयी और हर कोने में किसान परेशान हो गया : मोदी

- मैं जरूर बदलाव के लिए, प्रामाणिकता से प्रयास करूंगा और उसके सभी पहलुओं पर सरकार को जगाऊँगा,ये मैं विश्वास दिलाता हूँ : मोदी

- ये सब पढ़ कर के तो मुझे कभी-कभी शर्मिन्दगी महसूस होती थी कि हम लोगों ने क्या किया है ! मेरे पास जवाब नहीं है: मोदी

- कई विषयों और समस्याओं की चर्चा की गयी हैं I हमें राज करने का अधिकार तब है जब हम इन छोटी-छोटी बातों को भी ध्यान दें :मोदी

- मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ, कि आपने जितने सवाल पूछे हैं, मैं उन सबके विषय में, पूरी सरकार में जागरूकता, संवेदना लाऊँगा :मोदी

- मैंने किसानों के साथ बात करने के लिए सोचा, तो मुझे कल्पना नहीं थी की इतने सारे सवाल पूछेंगे, ये देखकर के मैं हैरान हो गया: मोदी

 

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