गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015

जोधपुर छात्राओं से शिक्षिका कराती है मालिश, लगवाती है डाई

जोधपुर सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था सुधार को लेकर शासन की ओर से लगातार टिप्पणियों होती रहती हैं। इसकी असल वजह बुधवार को सम्बलन कार्यक्रम में सामने आई।
एक अधिकारी जब राउप्रावि जाटावास नंबर एक का निरीक्षण करने पहुंचे तो स्कूली बच्चों ने उन्हें बताया कि उनकी टीचर उनसे बालों में डाई लगवाती हैं और पैरों की मालिश भी करवाती हैं।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले में सम्बलन के द्वितीय चरण में 11 व 12 तारीख को जिले के 154 अधिकारी 306 विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। बुधवार को 306 में से 108 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। पहले दिन की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं रही। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कई खामियां नजर आईं। अभी भी सरकारी स्कूलों में स्थितियां ज्यादा बदली नहीं है।

यह हाल है स्कूलों का
कार्यवाहक प्रोटोकॉल अधिकरी महेन्द्र प्रताप सिंह सम्बलन के तहत सुबह सुनारों का बास घोड़ों का चौक स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जाटावास नम्बर एक का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में एक मात्र शारीरिक शिक्षक ही उपस्थित मिला, शेष स्टाफ अवकाश पर था।

विद्यालय की प्रधानाध्यापक वर्तमान में चुनाव शाखा में प्रतिनियुक्ति पर हैं। निरीक्षण की सूचना मिलने पर वे विद्यालय पहंुचे। प्रधानाध्यापक ने बताया कि उनका कार्यभार वंदना जैन को दिया हुआ है, लेकिन जैन खुद दो दिन से मेडिकल पर हैं।

मजे की बात यह है कि जैन ने एक प्रार्थना पत्र लिखकर खुद का अतिरिक्त कार्यभार अध्यापिका राजकुमारी को दे दिया। राजकुमारी बुधवार को अवकाश पर मिलीं। परीक्षा एवं सफाई प्रभारी संगीता राठौड़ भी अवकाश पर थीं।

छात्राओं ने बताया अपना दुखड़ा
विद्यालय की छात्राओं से बातचीत करने पर पता चला कि स्कूल की शिक्षिकाएं छात्राओं से मटर छिलवाने के साथ ही पैरों की मालिश करवाती हैं और बालों में डाई लगवाने तक के काम छात्राओं से करवाए जाते हैं।

प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति में स्कूल एक- दो बजे के बीच बंद कर दी जाती है। मिड डे मील में खाना खाने के बाद बर्तन भी बच्चों से धुलवाए जाते हैं।

यह है पढ़ाई की स्थिति
जिन स्कूलों का निरीक्षण किया गया वहां पर आठवीं कक्षा के बच्चों को अंगे्रजी में अपना नाम लिखना नहीं आता। दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों से शब्द ज्ञान व सामान्य जानकारी से सम्बंधित सवाल पूछे, लेकिन बच्चे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

छठी व आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों से अंग्रेजी के वाक्यों के हिन्दी अर्थ के बारे में सवाल किए, लेकिन बच्चे ना तो वाक्यों का हिन्दी अनुवाद कर सके। और ना ही उन्हें सही तरीके से पढ़ सके।

अधिकारियों के पास नहीं समय
एडीएम मानाराम पटेल, एमएल नेहरा, जिला परिषद सीईओ सहित अन्य अधिकारियों ने बुधवार को सम्बलन के तहत किसी स्कूल का निरीक्षण नहीं किया। जबकि दो-दो स्कूलों के निरीक्षण शेड्यूल में एक-एक स्कूल का निरीक्षण इन अधिकारियों को 11 फरवरी को करना था।


यह है सच्चाई
सिंह ने इस बारे में जब प्रतिनियुक्ति पर चल रहे प्रधानाध्यापक से पूरी जानकारी ली तो सामने आया कि निरीक्षण की सूचना मिलने पर सभी अध्यापिकाएं अवकाश पर चली गईं। इतना ही नहीं उन्होंने अवकाश के लिए ना तो प्रधानाध्यापक से ना ही जिला शिक्षा अधिकारी से स्वीकृति ली है।

मात्र निरीक्षण के कारण ही औपचारिकतावश अवकाश प्रार्थना पत्र विद्यालय में रखकर चली गईं। इस तरह वंदना जैन, राजकुमारी, संगीता राठौड़ के साथ विद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी अवकाश पर थी। सिंह ने बताया कि विद्यालय की श्ौक्षिक एवं स्वच्छता की दृष्टि से स्थिति बेहद दयनीय है।

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