शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

ब्रेन डेड घोषित बेटे के लीवर व किडनी मां बाप ने कर दिए दान

ब्रेन डेड घोषित बेटे के लीवर व किडनी मां बाप ने कर दिए दान


अलवर। अलवर शहर से 68 किमी दूर टहला क्षेत्र के तिलवाड़ गांव में रहने वाले कल्याण सहाय शर्मा का आठ साल का बेटा मोहित 30 जनवरी की शाम चारा काटने वाली मशीन के इंजन के पहिए की चपेट में गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद बचाया नहीं जा सका। छह फरवरी को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया था। इसके बाद डाक्टरों ने परिजनों की सहमति के बाद मोहित के शरीर से लिवर और किडनी शरीर से निकाल लिए थे। जिन्हे दूसरे मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है ! 

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जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के डॉक्टर्स ने इस कार्य को अंजाम दिया ! परिजनों ने कहा था की बच्चे हार्ट भी किसी के काम आ सके तो अच्छा रहता लेकिन डाक्टरों बताया की जयपुर में तो हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए कोई मरीज नही था और ही ऐसे स्पेशलिस्ट जयपुर में मौजूद है ऐसे में मोहित का दिल नहीं लिया गया। मोहित के पिता ने बताया की अस्पताल में बेटे के इलाज के दौरान जब दूसरे गंभीर मरीजों को देखा तो मन विचलित हो गया। बेटे की मौत के बाद फैसला किया-अगर किसी का भला मेरे बेटे के मृत शरीर से हो सकता है, तो इससे अच्छा क्या होगा। हालांकि, रिश्तेदारों ने विरोध किया। बाद में सभी इस अहसास पर माने कि चलो मोहित कहीं किसी के शरीर में तो जिंदा रहेगा। महात्मा गांधी अस्पताल में अतिरिक्त निदेशक मिशन एन एचएम नीरज के पवन ने मोहित के इलाज पर खर्च हुए 70 हजार रुपए लौटाने की पेशकश भी परिजनों को की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। अस्पताल के डॉ. टी.सी.सदासुखी ने मोहित परिजनों को बताया था की मोहित की उम्र कम होने की वजह से उसकी दोनों किडनियां एक ही शख्स को लगाई गईं। यह इस तरह का देश में 23वां मामला है। मोहित की मां ने बताया की बेटे की मौत के बाद मैंने डॉक्टरों से कहा था-मेरा बेटा जितनों के काम आए जायेगा उतना अच्छा रहेगा !अबगांव तिलवाड़ के लोग भी अंगदान को तैयार हैं। गांव निवासी कल्याण सहाय के आठ वर्षीय पुत्र मोहित के अंगदान के निर्णय से सभी प्रभावित हैं। गांव के लोगों का कहना है कि मोहित की भले ही मौत हो गई। पर वह आज भी जिंदा है। वह एक नहीं दो शरीरों में नजर आएगा। ग्रामीणो ने दो दिन पूर्व मोहित को श्रद्धांजलि देकर नमन किया बैठक आयोजित कर देहदान करने सहमति जताई गई !। उसे गांव का गौरव बताते हुए कई गांव के ही बुद्धा लाल मीणा ने बताया कि गांव के लोग अंगदान के लिए सहमत है। सभी की इस संबंध में बात हो चुकी है। मोहित के अंगदान के बाद जीवन का महत्व समझ आया है। साथ ही अंगदान की सोच जागृत हुई है। अंगदान के लिए सहमत लोगों की सूची जल्द प्रशासन को भिजवाई जाएगी। गांव के लोग चाहते हैं कि अंगदान के लिए इस गांव की खास पहचान बन सके । गांव के लोगों ने प्रशासन से मोहित के नाम से गांव में सरकारी स्कूल या कोई सरकारी भवन करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि मोहित के परिजनों का प्रशासन की ओर से भी सम्मान किया जाना चाहिए।

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