सोमवार, 9 फ़रवरी 2015

बाड़मेर जसदेर धाम प्रकरण। स्थल की आड़ मे 215 बीघा नाडी एवं आगोर की भूमि पर अतिक्रमण का मामला



बाड़मेर जसदेर धाम प्रकरण। स्थल की आड़ मे 215 बीघा नाडी एवं आगोर की भूमि पर अतिक्रमण का मामला

हाईकोर्ट ने कलक्टर को दिये 3 महिने मे कार्यवाही के आदेष

जोधपुर, 9 जनवरी। बाड़मेर शहर के समीप खसरा नंबर 1203, 1204 एवं 2330/1203 की गैर मुमकीन नाडी एवं आगोर की भूमि पर धार्मिक स्थल की आड़ मे जेतपुरी जन कल्याण संस्थान द्वारा 215 बीघा भूमि पर अतिक्रमण किए जाने के मामले मे हाईकोर्ट ने दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कलक्टर बाड़मेर को आदेष दिये कि वह 3 महिने मे पूरे प्रकरण की सुनवाई कर कार्यवाही करें। याचिकाकर्ता सज्जनसिंह भाटी की ओर से एडवोकेट सत्यप्रकाष शर्मा एवं दलपतसिंह कोटड़ा ने पैरवी की। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अब्दुल रहमान प्रकरण मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाडी एवं आगोर की रिजर्व भूमि पर अतिक्रमण हटाने के मामले मे दिये गये ऐतिहासिक निर्णय को भी कोड किया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दलपतसिंह कोटड़ा ने बताया कि बाड़मेर निवासी सज्जनसिंह भाटी ने जेतपुरी जन कल्याण संस्थान द्वारा उक्त खसरों मे नाडी एवं आगोर आदि के लिए आरक्षित सैकड़ों बीघा भूमि पर पिछले 10 सालों मे धीरे धीरे कब्जा एवं निर्माण किए जाने के मामले मे याचिका दायर की थी। उक्त संस्थान के अतिक्रमण को हटाने के पूर्व मे राज्य सरकार ने जिला कलक्टर को आदेष भी जारी किए लेकिन दबाव के कारण सरकारी आदेषों की आज तक क्रियान्विती नही हुई। याचिका के मुताबिक 2 बीघा से शुरू अतिक्रमण का सिलसिला 215 बीघा भूमि तक जा पहुंचा हैं। संस्थान के अलावा कईं अन्यों ने भी अतिक्रमण कर लिये हैं।सोमवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीष गोविन्द माथुर एवं न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की खण्डपीठ ने इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए प्रकरण को गंभीरता से लिया और जिला कलक्टर को आदेष दिये कि वह आज से 3 महिने के भीतर भीतर इस याचिका को प्रार्थना पत्र मानते हुए वांछित कार्यवाही करें।

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