शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

रिश्वत लेने पर छात्रावास अधीक्षक को दो साल की जेल



बाड़मेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मामलात की अदालत ने विकलांग विवाह पर अनुदान राशि की स्वीकृति के लिए रिश्वत लेने के आरोपी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बाड़मेर के अधीन संचालित हो रहे छात्रावास अधीक्षक मोहनलाल को दो साल के कठोर कारावास व दो हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। यह आदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मामलात के विशिष्ट न्यायाधीश सुरेन्द्रकुमार जैन ने पीडित परिवादी क ानसिंह की ओर से प्रस्तुत परिवाद की सुनवाई करते हुए दिए।

 hostel superintendent Two years in prison for taking bribes

1500 रूपए की रिश्वत ली

प्रकरण अनुसार पीडित कानसिंह ने विभाग में विकलांग विवाह अनुदान के पूर्ण कागजात जमा करवाए, लेकिन विभाग के छात्रावास अधीक्षक मोहनलाल ने उसे बार-बार चक्कर कटवाए। बाद में मोहनलाल ने अनुदान राशि की स्वीकृति के लिए 2500 रूपए रिश्वत की मांग की, जिसे क ानसिंह देना नहीं चाहता था और उसने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर को लिखित शिकायत की।




जिस पर एसीबी बाड़मेर ने ट्रेप का आयोजन कर कानसिंह से आरोपी मोहनलाल को 1500 रूपए रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सरकार की ओर से पैरवी करते हुए सहायक निदेशक बरकत अली ने न्यायालय को बताया कि एक तरफ तो राज्य सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। वहीं सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से रिश्वत लेकर अपराधों को बढ़ावा दिया जा रहा है।  

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