रविवार, 4 जनवरी 2015

बाड़मेर। इस गांव में मंदिर से ऊंचा मकान बनाना गुनाह

बाड़मेर। इस गांव में मंदिर से ऊंचा मकान बनाना गुनाह
बाड़मेर| हर आदमी का अपने परिवार के लिए एक प्यारा सा आशियाना बनाने का सपना होता है, लेकिन एक गांव के वाशिंदों को बिल्डिंग बनाने की मनाही हो तो वो क्या करे| बाड़मेर जिले के श्राप से ग्रसित रामसर गांव में जिसने भी अपने मकान की दोहरी मंजिल बनाने की हिमाकत की...वो दुनिया से बेवक्त रूखसत हो गया|

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बाड़मेर जिले के 5 हजार आबादी वाले रामसर गांव में एक भी दोहरी मंजिल नहीं है| देवीय श्राप से ग्रसित इस गांव में एक बार एक परिवार ने दोहरी मंजिल बनाने की कोशिश की, लेकिन उस मकान और परिवार को जो हश्र हुआ...उससे गांव के बाशिंदों की सांसे गले में अटक गई| गांव के बीचोंबीच आज भी वो खंडहर बना मकान देवी के श्राप की कहानी बयां करता नज़र आ रहा है| जिस देवी ने इस गांव को श्राप दिया था...उस देवी का बरसों पुराना मंदिर गांव में एक पहाड़ी की टैकरी पर बना हुआ है


रामसर गांव में लंबे चौड़े सरकारी ऑफिस बने हुए हैं, लेकिन आज तक किसी भी सरकारी विभाग ने इस गांव में दोहरी मंजिल नहीं बनाई| इस गांव में एक भी ऐसा भवन नहीं है...जिसके दूसरी मंजिल बनी हो| गांव वाले बताते हैं कि आम आदमी तो क्या सरकारों ने भी इस श्राप के सामने हाथ खड़े कर दिए हैं| गांव में हिंगलाज माता के मंदिर के बराबर ही कोई अपना मकान बना सकता है| अगर किसी ने मंदिर से ऊंचा मकान बनाने की कोशिश की...तो उसका हश्र भयानक होता है।


आज का युग तकनीक और विज्ञान का युग है, लेकिन बाड़मेर के रामसर में ये सभी बातें हवा होती नज़र आ रही है| यहां एक श्राप हर वक्त हर लम्हा लोगों को खौफ की याद दिलाता रहता है।

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