बुधवार, 21 जनवरी 2015

जेएलएफ: सुरों के संगम के साथ शुरू हुआ साहित्य का महाकुंभ -



जयपुर। धरती धोरां री के सिरमौर जयपुर, जिसे कवि कन्हैया लाल सेठिया ने खुद नगरों की पटराणी कहा है, में बुधवार से शब्द शिल्पियों का मेला शुरू हो गया। पांच दिन तक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में साहित्य सेवी शब्द मंथन और रचना के अनुभव बांटेंगे। सुरों की तान पर जेएलएफ के आठवें संस्करण का पर्दा उठा।
Jaipur literature festival begins with musical notes


राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, एसेल गु्रप के चेयरमैन सुभाष चन्द्रा, महिन्द्रा ग्रुप के आनंद महिन्द्रा, सुधीर कासलीवाल और अन्य साहित्यकारों ने दीप जलाकर जेएलएफ के आठवें संस्करण की औपचारिक शुरूआत की। इस मौके पर सीएम राजे ने राज्य में पर्यटन विकास की संभावनाओं को रेखाकिंत किया और पर्यटन विकास का खाका पेश किया।




जयपुर में अगले साल से होंगे अंतरराष्ट्रीय म्यूजिक फेस्टिवल

उन्होंने कहाकि जेएलएफ की सफलता ने प्रदेश में नए कार्यक्रमों का रास्ता खोल दिया है। अगले साल तक कला के टॉप सेंटर प्रदेश में विकसित किए जाएंगे। साथ ही अंतरराष्ट्रीय म्यूजिक फेस्टिवल भी आयोजित होंगे। जिसके तहत जवाहर कला केन्द्र में अगले साल तक कंटेम्पररी म्यूजिक से संबंधित काम शुरू हो जाएगा। इसमें जैज और भक्ति संगीत होगा। साथ ही भरतपुर और करौली में म्यूजियम की स्थिति सुधारी जाएगी।




जेएलएफ के बारे में राजे ने कहाकि, 14 लोगों से शुरू हुआ यह सफर आज लाखों लोगों तक पहुंच गया है। पूरे एशिया में इस कार्यक्रम ने नई चेतना जागृत कर दी है। जेएलएफ ने पूरी दुनिया को अपने भाव व्यक्त करने के लिए मंच प्रदान किया है। मॉर्निग म्यूजिक सीरिज ने बांधा समां

जेएलएफ की पांच दिवसीय यात्रा की शुरूआत सोनल कालरा के सूफी बैंड के साथ हुई। इसके तहत सबसे पहले "मो को कहां ढूंढ़े रे बंदे" गीत प्रस्तुत किया गयाा। जिसने पूरे माहौल को सूफी रस से भर दिया। इसके बाद "मन कुंतो मौला" और "मन मनम न मन मनम" ने कार्यक्रम के उद्घाटन में चार चांद लगा दिए। कालरा के बाद राजस्थानी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। इसमें नाथूलाल सोलंकी ने अपने साथियों के साथ नगाड़ों पर प्रस्तुति दी तो जैसलमेर बॉयज ग्रुप ने सबका दिल जीत लिया।




दुनियाभर के साहित्यकारों का लगा मेला

दुनिया के ख्यातनाम लेखक, साहित्यकार, फिल्मकार और सबसे बढ़कर साहित्य के कद्रदानों से गुलाबी नगरी पांच दिन तक सराबोर रहेगी। इस बार पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, नोबेल विजेता वी.एस. नॉयपाल, चीन में प्रतिबंधित लेखिका जंग चेंग, अभिनेता नसीरूद्दीन शाह, गीतकार जावेद अख्तर, अभिनेत्री वहीदा रहमान, गीतकार प्रसून जोशी सहित कई और हस्तियां आएंगी। आयोजकों का कहना है कि भारत के नामचीन लेखकों को दुनिया के सामने लाना और दुनिया के नामचीन लेखकों को भारत लाना आयोजन का खास मकसद है।







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