मंगलवार, 6 जनवरी 2015

टॉयलेट ने अटकाई पंचायती

टॉयलेट ने अटकाई पंचायती


राजस्थान में कुछ ही दिनों बाद होने वाले पंचायत चुनाव में माउंटआबू के ग्रामीण शायद ही चुनाव लड़ पाए| माउंटआबू ग्रामीण पंचायत के सामने अजीबोगरीब संकट है। राजस्थान सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने के लिए घर में कार्यशील स्वच्छ शौचालय की अनिवार्यता वाला राजस्थान पंचायती राज संशोधन अध्यादेश 2014 लागू कर दिया है।

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इसके तहत पंचायती चुनाव में वही लड़ सकता है जिसके घर में शौचालय हो, लेकिन माउंटआबू के ओरिया पंचायत में 97 फीसदी गांवों में तो शौचालय है ही नहीं। अब उन्हें बनाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अब उनके चुनाव में खड़े होने को लेकर संकट मंडरा रहा है। जिसे लेकर लोगो में असंमजस की स्थिति बरकार है| यहां पर सरपंच का पद एसटी के लिए रिर्जव है, लेकिन यहां एसटी जाति के लोग न के बराबर ही हैं|

अध्यादेश के अनुसार राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 19 में संशोधन कर यह प्रावधान जोड़ा गया है कि जो व्यक्ति घर में कार्यशील स्वच्छ शौचालय रखता हो और उसके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच के लिए नहीं जाता हो, वही पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने का पात्र होगा। लेकिन अब यहां के लोगों को राहत मिल सकती है और अब वे शौचालय बना कर चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन सरकारी महकमें पर अनुमति लेने के बाद भी क्या कुछ ही दिनों में शौचालय का निर्माण होगा ये मुमकिन होता हुआ नहीं लगता है|

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