गुरुवार, 22 जनवरी 2015

कंपनियों की लड़ाई ने लगाया सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट रिंग रोड पर ब्रेक

कंपनियों की लड़ाई ने लगाया सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट रिंग रोड पर ब्रेक


— थम गया ड्रीम प्रोजेक्ट का काम
— निर्माण करने वाली कम्पनियों में हुआ विवाद

जयपुर. मुख्यमंत्री की सबसे भावी योजनाओं में से एक रिंग रोड परियोजना का काम शुरुआत में ही अधर में लटकता हुआ नज़र आ रहा है। इस काम को करने के लिए जो दो कंस्लटेंसी कम्पनियां काम कर रही है उनके बीच में विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा जिसकी वजह से रिंग रोड का काम 2 महीने से ज़्यादा बीत जाने के बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है।

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रिंग रोड का निर्माण कर रही अनुबंधित कंपनियो के बीच हिस्सेदारी को लेकर चल रहा विवाद सुलझ नहीं रहा है। सेनजोश और सुप्रीम कंपनिया काम मिलने के बाद से ही अपनी हिस्सेदारी को लेकर लड़ना शुरु हो गई है। जिसकी वजह से मौके पर काम कर रहे इंजिनियर्स औऱ मजदूरों को भी कई महिनो से वेतन नहीं मिल पाया है। इस मामले को लेकर जेडीए और रिंग रोड के लिए लोन देने वाले बैंक दोनों ही परेशान है। कई दौर की बैठको के बाद भी अभी तक मामला सुलझ नहीं पाया है और इस बारे में जेडीए का कोई भी अधिकारी बात करने से भी बचता दिखाई दे रहा है। हाल में हुई कंपनी औऱ बैंक के प्रतिनिधियों की जेडीए में वार्ता भी बेनतीजा रही थी । बैठक में दोनों कंपनियो के प्रतिनिधियों ने एक दूसरे पर जमकर शब्द बाण चलाए थे। दोनों कंपनियो के विवाद से नाराज़ बैंक प्रतिनिधियों ने साफ कह दिया की जब तक विवाद नही सुलझेगा तब तक बाकी लोन राशी जारी नहीं करेंगे। जेडीसी शिखर अग्रवाल ने कंपनियो को विवाद सुलझाने के लिए 20 जनवरी तक का समय दिया है,उन्होने अल्टिमेटम देते हुए जल्द काम शुरु करने के भी निर्देश दिए।



इस विवाद के बारे में जेडीए का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन जब ये प्रश्न नगरीय विकास मंत्री से पुछा गया तो उन्होने इसका गोल मोल जवाब देते हुए ये कह दिया कि विवाद चाहे कितना भी बड़ा हो जेडीए उसे सुलझा लेगा और योजना में इस तरह के प्रावधान है कि इस विवाद की वजह से काम रुकेगा नहीं|

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