बुधवार, 7 जनवरी 2015

हाईकोर्ट ने माना, पति या पत्नी के साथ जेल में सेक्स कैदी का बुनियादी अधिकार



चंडीगढ़. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि जेल में बंद कैदी को अपने पति या पत्नी के साथ बच्चे को जन्म देने के लिए सेक्स की छूट है। कोर्ट ने यह भी माना है कि पति या पत्नी के साथ जेल में सेक्स करना कैदी का बुनियादी हक है।

हाईकोर्ट ने माना, पति या पत्नी के साथ जेल में सेक्स कैदी का बुनियादी अधिकार

जस्टिस सूर्य कांत ने पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद जसवीर सिंह और सोनिया नाम के कैदियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। दोनों पर 16 साल के बच्चे को फिरौती की रकम के लिए अगवा करने और उसका मर्डर करने का आरोप है। दोनों जेल में सेक्स की इजाजत चाहते थे। हालांकि, कोर्ट ने इन दोनों की याचिका को उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया है। लेकिन जज ने व्यापक जनहित के मद्देनजर जेल में सेक्स के अधिकार को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा, एक ऐसा समाज जो इनदिनों सैमलैंगिकों के अधिकारों और थर्ड जेंडर की पहचान के लिए बहस कर रहा है, वह कैदियों के अपने पार्टनर के साथ सेक्स के मुद्दे पर चुप नहीं रह सकता है। जज ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि कैदियों को अपने साथी के साथ सेक्स करने की इजाजत देना उनके जीवन जीने के अधिकार और निजी स्वतंत्रता के तहत आता है।



हालांकि, कोर्ट ने कहा कि ऐसे अधिकार कानून द्वारा रेगुलेट होने चाहिए और इसे तय करने का हक सरकार के पास है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के रिटायर जज की अगुआई में जेल रिफॉर्म कमिटी गठित करने का आदेश भी दिया। कमिटी कैदियों के परिवार वालों को सेक्स के लिए जेल में किस तरह लाया जाए, इस पर विचार करेगी।

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