बुधवार, 7 जनवरी 2015

बेटी के हत्यारे पिता को उम्रकैद


बेटी के हत्यारे पिता को उम्रकैद

उदयपुर। पारिवारिक कलह के चलते डेढ़ वष्ाü की बेटी की हत्या करने वाले पिता को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

Daughter's killer gets life term

तम्बोलियाफला झाड़ोल बड़ला निवासी अर्जुनलाल पारगी ने गोगुंदा थाने में 19 अगस्त 2013 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका छोटा भाई सवा उर्फ सवजी पारगी अपने पिता की मृत्यु होने पर गांव आया था।




वह 13 अगस्त सवेरे अपनी डेढ़ वर्षीय बच्ची चंदा व उसकी सौतेली मां नकुड़ी को अपने साथ गुजरात रवाना हुआ। इसके बाद 19 अगस्त को मादड़ी-देवनवाड़ा रास्ते के पास एक कुएं में एक बच्ची की लाश पड़ी होने की सूचना मिली। पुलिस ने लाश निकलवाई, तो वहां पहंुचे अर्जुन ने उसकी शिनाख्त भतीजी चंदा के रूप में की।




उसने पुलिस को बताया कि उसके भाई सवा उर्फ सवजी के तीन पत्नियां इंद्रा, मिरकी व नकुड़ी थी। उनमें से एक इंद्रा की डेढ़ वष्ाीüय बेटी चंदा थी। इंद्रा सवा का घर छोड़कर पहले ही जा चुकी थी। तब से चंदा अपने दादा कालू पारगी के साथ रह रही थी। सवा भी अपनी बेटी चंदा को पसंद नहीं करता था।




चंदा का शव कुएं में मिलने के बाद पुलिस ने तफ्तीश के बाद सवा के खिलाफ चंदा की हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। सुनवाई में आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रम-5 के पीठासीन अधिकारी अजितकुमार हिंगर ने आरोपी को आजीवन कारावास और 20 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।




बेटे की हत्या ,पिता को दस साल की कैद

नशे में कहासुनी होने पर जवान बेटे की हत्या करने के आरोपी पिता को न्यायालय ने दस वष्ाü के कैद की सजा सुनाई। प्रकरण के अनुसार छह मई 2011 को गोगुंदा थाने में बांसलिया फला खेरापारा निवासी लक्ष्मीबाई ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि पांच मई की रात आठ बजे वह पति के साथ खाना खा रही थी, उस समय ससुर नौजा गमेती आया।




वह आते ही उसके पति से गाली-गलौज करने लगा। टोकने पर नौजा आक्रोशित होकर बर्तन फेंकने लगा और उसके पति के पेट में छुरी घोंप दी। इसके बाद नौजा वहां से भाग छूटा।




उदयपुर अस्पताल ले जाते समय पति ने रास्ते में उसे दम तोड़ दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी नौजा को गिरफ्तार किया। जिला एवं सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पंकज भंडारी ने मामले की सुनवाई के बाद माना कि मामला आपराधिक मानव वध की श्रेणी से अधिक का नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसमें इसका पूर्व चिंतन नहीं था। अचानक हुए घटनाक्रम के तहत अभियुक्त ने मृतक को चोट पहुंचाई। न्यायालय ने आरोपी नौजा को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। - 

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