बुधवार, 21 जनवरी 2015

खुशखबरी: देश में बाघों की संख्‍या में 30 फीसदी का इजाफा

खुशखबरी: देश में बाघों की संख्‍या में 30 फीसदी का इजाफा


नई दिल्ली। देश में बाघों की संख्या पर जारी एक नई रिपोर्ट के ने पशुप्रेमियों व प्रक्रति प्रेमियों को राहत की सांस दी है। भारत में बाघों की संख्या में कमी के चिंतित कर देने वाले आंकड़ों से उबरते हुए अब नई गणना में बाघों की संख्या बढ़कर बढ़कर 2226 होना बताया जा रहा है। यह बीते चार वर्ष में मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक है।

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वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार (ऑल इंडिया टाइगर एक्सपीडिशन 2014 के मुताबिक पिछली बार जब 2010 में बाघों की गिनती की गई थी तो उनकी संख्या महज 1706 ही थी लेकिन इस बार की गई।
बाघ गणना-2010 को विश्व का अब तक का सबसे व्यापक और अत्याधुनिक-वैज्ञानिक तरीके से हुआ आकलन करार देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि बाघ संरक्षण के क्षेत्र में बीते चार वर्ष में देश भर में अच्छा काम हुआ है। इसी के नतीजतन अब देश में बाघों की औसत संख्या 2226 है। 2006 में बाघों की संख्या गिरकर 1411 रह गई थी, जो चिंतित करने वाली थी।

ताजा गणना के अनुसार देश में अब 1,945 से 2,491 के बीच बाघ हैं। इसका औसत अनुमानित आंकड़ा 2226 लिया गया है। बाघों की पिछली गणना वर्ष 2010 में हुई थी। उस समय देश में 1,706 (1520-1909) बाघ थे।
उत्तराखंड, तमिलनाड़ु, मध्यप्रदेश, केरल और कर्नाटक में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा, मिजोरम, पश्चिम बंगाल-उत्तर बंगाल और केरल में बाघों की संख्या स्थिर है।

राजस्थान अब भी पिछड़ा

रणथंभौर व सरिस्का जैसे बड़े बाघ संरक्षण पार्कों के होते हुए भी राजस्थान में बाघों की स्थिती में कोई परिवर्तन नहीं आया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी ताज़ा रिपोर्ट में राजस्थान में बाघों की संख्या अब भी स्थिर बताई गई है जबकि सरिस्का में तो बाघों के लिए अलग से परियोजना चलाई जा रही है।

1 टिप्पणी:

  1. ये अच्छी बात है .... लगता है इंसान ने भी सोचना शुरू किया है इस तरफ अब ...

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