सोमवार, 12 जनवरी 2015

विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब दबाकर बैठे सरकारी विभाग

विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब दबाकर बैठे सरकारी विभाग


विधानसभा के सवालों का ही जवाब नहीं दे रहे सरकारी विभाग

— विधानसभा की सख्ती हटते ही अफसरों ने कम की तवज्जो
— सरकारी विभाग नहीं दे रहे 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब
— ​ तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने दिखाई थी सख्ती
— मुख्य सचिव सहित आला अफसरों को किया था तलब
— उर्जा के सबसे ज्यादा 254 सवालों के जवाब लंबित तो पीएचईडी के 232, यूडीएच के 219, स्वायत्त शासन के 218, शिक्षा के 186, चिकित्सा व स्वास्थ्य के 182, चिकित्सा शिक्षा के 56, राजस्व के 118 सवालों के जवाब लंबित


सरकारी विभागों ने विधानसभा को ही तवज्जो देना बंद कर दिया है। सरकारी अफसर विधानसभा के सवालों का ही समय पर जवाब नहीं दे रहे। हालत यह है कि विभागों में विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब अभी तक नहीं दिए हैं, जिनका अब तक जवाब विधायकों को मिल जाना चाहिए था।



विधानसभा के सवाल हो या विधानसभा से जुडा अन्य मुददा सरकारी विभाग अब उसका जवाब तैयार करने में सुस्ती बरत रहे हैु। सुस्ती का आलम यह है कि उर्जा विभाग 250 से ज्यादा सवालों के जवाब अब तक नहीं दे रहा है, यही हालत यूडीएच और स्वायत्त शासन की है, दोनों विभागों ने 200 से ज्यादा सवालों क जवाब अभी तक नहीं दिया है। 10 विभाग तो ऐसे हैं ​जिनमें 100 से ज्यादा सवालों के जवाब लंबित चल रहे हैं। उर्जा के सबसे ज्यादा 254 सवालों के जवाब लंबित तो पीएचईडी के 232, यूडीएच के 219, स्वायत्त शासन के 218, शिक्षा के 186, चिकित्सा व स्वास्थ्य के 182, चिकित्सा शिक्षा के 56, राजस्व के 118 सवालों के जवाब अभी तक विधानसभा को नहीं भिजवाए हैं।

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विधानसभा के सवालों के जवाब देने में विशेष परिस्थितियों को छोड 2 माह से ज्यादा का डिले नहीं होना चाहिए। कांग्रेस राज के समय तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष दपेंद्र सिंह शेखावत ने विधानसभा के सवालों का समय पर जवाब नहीं देने वाले विभागों पर जबर्दस्त सख्ती दिखाई थी। उस समय तत्कालीन मुख्य सचिव सहित विधानसभा के सवालों और दूसरे मामलों के समय पर जवाब भेजने में लापरवाही करने वाले अफसरों को कई बार विधानसभा तलब किया था। विधानसभा अध्यक्ष की सख्ती का असर यह हुआ कि हर विभाग समय से पहले ही जवाब भेजने लग गया। उस समय कई लावरवाह अफसरों को विधानसभा अध्यक्ष ने संस्पेंड तक किया। अब जब से सख्ती कम हुई है सरकारी विभागों का विधानसभा के प्रति वही रवैया हो गया है जो पहले किसी समय हुआ करता था। जाहिर है भय बिन प्रीत नहीं, इसी कहावत पर चलते हैं सरकारी विभाग।


विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब नहीं दे रहे विभाग



विधानसभा के सवालों की स्थिति

— दिसंबर तक कुल तारांकित सवाल लगे : 2401
— जवाब आया : 1086 का
— अब तक तारांकित सवालों का जवाब नहीं आया : 1315 का
— कुल अतारांकित सवाल : 2318
— जवाब दिया : 1090 का
— जवाब आना बाकी : 1228 सवालों का
— कुल सवाल जिनका सरकार विभागों ने जवाब नहीं दिया : 2543

विधानसभा के सवालों का जवाब नहीं देने वाले टॉप विभाग

उर्जा : 254
पीएचईडी : 232
यूडीएच : 219
स्वायत्त शासन : 218
शिक्षा : 186
चिकित्सा व स्वास्थ्य : 182
चिकित्सा शिक्षा : 56
राजस्व : 118
गृह विभाग : 88
वन : 85
उच्च शिक्षा : 79
सामाजिक न्याय व अधिकारिता : 72
पंचायतीराज : 51
ग्रामीण विकास : 49
परिवहन : 53
उद्योग : 38
खान : 29

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