बुधवार, 3 दिसंबर 2014

सांसद देवजी पटेल ने राश्ट्रीय खेल विकास को बढ़ावा देने का मुददा उठाया

सांसद देवजी पटेल ने राश्ट्रीय खेल विकास को बढ़ावा देने का मुददा उठाया
जैविक उर्वरकों का उपयोग हों - सांसद देवजी पटेल

नईदिल्ली, 3 दिसम्बर 2014 बुधवार।

जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने सोलहवीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान क्षेत्र विकास से संबंधि कई मुद्दें संसद उठायें।

राष्ट्रीय खेल विकास को बढ़ावा दिया जायें - पटेल

सांसद देवजी पटेल ने युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से क्षेत्र में खेल को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय खेल विधेयक बनाने की मांग रखते हुए कहा कि विधेयक बनने से देश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में युवाओं में खेलों के प्रति रूची बढ़ेगी। सांसद पटेल ने कहा कि बोर्ड आफ कंट्रोल फाॅर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) को खेल कानून या एनएसडीबी के दायरे में लाने के बारे में सरकार का क्या विचार हैं। उक्त विधेयक के संसद में कब तक पुरःस्थापीत होने की संभावना हैं। राज्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सांसद पटेल के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय खेल विधेयक बिल (एनएसडीबी) तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में एक कार्य समूह का गठन किया हैं। इस कार्य समूह द्वारा जूलाई 2013 में विधेयक का एक प्रारंभिक प्रारूप प्रस्तुत किया जिस पर आम जनता और हितधारकों के सुझाव/टिप्पणियों आमंत्रित करने के लिए इसे पब्लिक डोमेन में डाला गया। विधेयक के प्रारूप पर प्राप्त फीडबैक को सम्मिलित करते हुए कार्य समूह द्वारा इसे प्रस्तुत किया जा चुका हैं। इसे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को उनकी टिप्पणियों प्राप्त करने के लिए परिचालित किया गया। एनएसडीबी पर अनेक सुझाव/टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है सभी खेल निकाय पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने वाले उपाय अपनाएं। एनएसडीबी पर प्राप्त सुझावों पर विस्तृत विचार-विमर्श एवं चर्चा की आवश्यकता है, अतः विधेयक के अधिनियमन हेतु एक निश्चित समयावधि दे पाना संभव नहीं हैं।

जैविक उर्वरकों का उपयोग हों - सांसद देवजी पटेल

सांसद देवजी पटेल लोकसभा सत्र के दौरान कृषि राज्य मंत्री मोहनभाई कुंडारीया से प्रश्न किया कि देश में जैविक उर्वरकों के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जाता हैं। सरकार द्वारा इस संबंध में प्रभावी कदम उठाये जाने चाहिए। सांसद पटेल के प्रश्न का जबाव देते हुए कृषि राज्य मंत्री कुंडारिया ने बताया कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 जोकि उर्वरकों की गुणवत्ता के विनियमन के लिए लागू किया गया है। इसके तहत अब तक चार जैविक उर्वरक सिटी कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट, फास्फेट समृद्ध जैविक खाद और जैविक खाद को अधिसूचित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें नमूनों को लेकर और अपनी अधिसूचित प्रयोगशालाओं में उनके परीक्षण द्वारा जैविक उर्वरकों के गुणवत्ता की जांच करती हैं। राज्य मंत्री कुंडारीया ने सांसद पटेल के उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के संशोधन के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि संशोधन एक नियमित प्रक्रिया है और यह संशोधन जरूरत पड़ने पर किया जाता हैं।

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