मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

एक विवाह ऎसा भी, जहां दूल्हे ने पेश की मिसाल

एक विवाह ऎसा भी, जहां दूल्हे ने पेश की मिसाल

नागौर/डीडवाना। समाज में आए दिन दहेज प्रताड़ना, पीटकर घर से निकाल देने दहेज के रूप में रोजाना नई डिमांड करने और जरूरतें पूरी करने पर केरोसिन उड़लकर कर जला देने की घटनाओं के बीच सीकर जिले के खण्डेला धाम के पास कंवरपुरा गांव से जिले के कोलिया गांव में बारात लेकर आए दूल्हे ने मिसाल पेश की है।

कंवरपुरा से बारात लेकर आए दूल्हे सत्यपाल ने दहेज लेने से इनकार करते हुए एक मिसाल पेश की। उन्होंने शगुन के रूप में पारम्परिक रूप से दिए जाने वाले केवल चार आइटम लेकर रस्म अदा की।
the groom marriage not dowry in sikar

ग्रामीणों को याद आया पुराना दौर
शगुन के रूप में दूल्हे सत्यपाल द्वारा सूत की चारपाई, पीत्तल का घड़ा, चरी, बाटका व रस्म के रूप में 11 रूपए लेने के दौरान बुजुर्ग ग्रामीणों को अपने जमाने की याद आ गई। बुजुर्गों ने कहा कि दूल्हे की इस पहल से युवाओं में बदलाव आएगा।

सीमित जरूरतों व सुधार की सोच
दुल्हन गोदावरी के भाई भाजपा नेता जयराम ओगरा ने बताया कि हमने बहन की शादी के लिए पूरी तैयारी की थी और खूब संसाधन देने का मन बनाया हुआ था। लेकिन बारात लेकर आए दूल्हे ने इसके लिए बिल्कुल मना कर दिया और शादी को साधारण रूप से करने को कहा। दूल्हे ने कहा कि समाज में सुधार की सोच लेकर उसने यह कदम उठाया है।

धूमधड़ाके से रखा परहेज
शादियों के दौरान बजने वाले डीजे से भी दोनों परिवारो ने दूरी रखी। डीजे प्रथा को नकारते हुए शहनाई वादन किया गया। सादगीपूर्ण तरीके से हुई इस शादी में वर-वधू पक्ष के लोगों ने सामान्य भोजन ग्रहण कर अतिथियों का सत्कार किया।

साधारण परिवार से है दूल्हा
ओगरा ने बताया कि उनके बहनोई जयपुर में योगा क्लासेज चलाते हैं और एक इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रबंधन संभाल रहे हैं।

दूल्हे के पिता मेवाराम ने अपने गांव की एक स्कूल में टैक्सी लगा रखी है। मध्यम वर्ग के इस परिवार की पहल से शादी में शामिल हुए अभिनव राजस्थान के संयोजक डॉ. अशोक चौधरी, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ व भाजपा पदाधिकारी सहभागी बने लोगों ने दूल्हे की इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे समाज में सुधार का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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