रविवार, 2 नवंबर 2014

मुस्लिमों ने खोला बुखारी के खिलाफ मोर्चा, "जाओ पाकिस्तान" -

लखनऊ । अपने बेटे के दस्तारबंदी में पीएम नरेंद्र मोदी को न बुलाने और पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को आमंत्रित करने पर मुसलमानों ने भी शाही इमाम अहमद बुखारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।agra muslims sensors imam bukhari for ignoring pm modi
आगरा के मुस्लिम समुदाय ने बुखारी पर प्रतिबंध लगाने का कड़ा फैसला करते हुए कहा कि अगर वह यह सोचते हैं कि वे राष्ट्रहित से भी ऊपर हैं तो उनको पाकि स्तान में जाकर रहना चाहिए।

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव अशफाक सैफी ने कहा कि दस्तारबंदी एक सार्वजनिक कार्यक्रम है। समाज का कोई भी शख्स उस कार्यक्रम में जाने का हकदार होता है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जामा मस्जिद इमाम बुखारी की कोई निजी संपत्ति नहीं है, जो वह अपने बेटे को हस्तांतरित कर रहे हैं। यह देश के सभी मुसलमानों की है।

ऑल इंडिया मदरसा बोर्ड के महासचिव मौलाना उजैर आलम ने कहा कि मदरसा बोर्ड बुखारी के इस कदम का समर्थन नहीं करता है। हालांकि पीएम मोदी ने जब से कमान संभाली है तब से उन्होंने मुस्लिम त्यौहारों पर कोई बधाई संदेश नहीं दिया है, जबकि पूर्व के सभी पीएम बधाई देते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को हिंदू राष्ट्रवाद के साथ साथ देश के सभी धर्मो की भावनाओं की रक्षा करनी चाहिए।

तालीम ए कुरान मदरसे के प्रमुख मोहम्मद इश्रार अहमद ने कहा कि बुखारी को राजनीति और धर्म को एक में नहीं मिलाना चाहिए। वह नवाज शरीफ को आम ंत्रित करने के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता ग्यास कुरैशी ने सरकार से शाही इमाम की उपाधि को खत्म करने की मांग की है क्योंकि देश में अब लोकतंत्र है, मुगल साम्राज्य नहीं।

उन्होंने कहा कि आगरा की जामा मस्जिद भी शाही मस्जिद है, आगरा मुगलों की राजधानी रही है ऎसे में बुखारी ही इस पद का अकेले दावा कैसे कर सकते हैं।

शिवसैनिकों के एक समूह ने शनिवार को बुखारी का पुतला फंूका और सरकार से उनको राष्ट्रदोह के आरोप में गिरफ्तार करने की मांग की।

गौरतलब है कि गोरखपुर से भाजपा सांसद महंत आदित्यनाथ ने बुखारी को पाकिस्तान भेने की मांग की थी -  

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