बुधवार, 19 नवंबर 2014

पाली जिला जज व सुमेपुर एसीजेएम से जवाब-तलब



जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश पाली व अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) सुमेरपुर को जवाब तलब करते हुए अधीनस्थ कर्मचारी की 12.5 वष्ाीüय सेवा जब्ती के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए है। साथ ही दोनों न्यायिक अधिकारियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है।
Pali district judge and answer-called Smepur Sijem


यह आदेश न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने एसीजेएम सुमेरपुर में स्टेनोग्राफर विकास दवे की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नरपतसिंह चारण ने न्यायालय को बताया कि विकास एसीजेएम सुमेरपुर में अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया।




लेकिन तत्कालीन एसीजेएम ने उसे खारिज कर उसके विरूद्ध राजस्थान सेवा नियम 1951 के अंतर्गत अब तक की गई साढ़े बारह साल की सेवाओं को जब्त करने के आदेश पारित कर दिए। बाद में जिला एवं सेशन न्यायाधीश पाली ने भी प्रार्थी का आवेदन खारिज कर एसीजेएम सुमेरपुर के आदेश को बहाल रखा।




इस आदेश को चुनौती देते हुए प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

अधिवक्ता चारण ने तर्क दिया कि किसी कर्मचारी की सेवा जब्त करना एक वृहद् दण्ड की श्रेणी में आता है। विभागीय जांच किए बिना किसी कर्मचारी पर यह दंड नहीं लगाया जा सकता। एसीजेएम सुमेरपुर ने बिना जांच किए प्रार्थी को सेवा जब्ती से दण्डित किया, जो न केवल अवैधानिक है, बल्कि प्राकृतिक न्याय के विरूद्ध भी है।

सुनवाई के बाद न्यायाधीश लोढ़ा ने 20 जुलाई 2013 के निचली आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए जिला जज पाली व एसीजेएम सुमेरपुर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। - 


 

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