गुरुवार, 6 नवंबर 2014

बालोतरा। बामसीन गांव के पास लुणी नदी के ब्रिज के नीचे अवेध खनन। खनन विभाग,प्रशासन व रेल्वे नींद मे,हादसे का सबब बन सकता है ब्रिज

बालोतरा। बामसीन गांव के पास लुणी नदी के ब्रिज के नीचे अवेध खनन। खनन विभाग,प्रशासन व रेल्वे नींद मे,हादसे का सबब बन सकता है ब्रिज


रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। सिवाना उपखंड के समदड़ी तहसिल क्षेत्र में लुणी नदी में अवेध खनन का सिलसिला थम नही रहा है। लुणी नदी में खनन की लीज प्राप्त करने वाले ठेकदारो द्वारा ही खनन के मानको को ताक पर रखकर लुणी नदी में खनन किया जा रहा है जिससे नदी की प्राकृतिक सम्पदा को नुकसान हो रहा है। समदड़ी तहसिल मुख्यालय से सटे बामसीन गांव के समीप लुणी नदी पर बने रेल्वे के ब्रिज के ऐन नीचे खनन के मानको को ताक पर रखकर लीज प्राप्त करने वाले ठेकेदारो द्वारा बजरी का खनन किया जा रहा है।



नियमानुसार रेल ब्रिज के ऐन पास से किसी प्रकार का खनन नही किया जा सकता है। वही खनन के मानको के अनुसार नदी में से महज तीन मीटर तक की गहराई तक ही बजरी का खनन लीज ठेकदार कर सकता है पर इस ब्रिज के नीचे करीब दस से पन्द्रह मीटर तक की गहरी खुदाई हो चुकी है। यहां पर रात के समय बजरी का खनन हो रहा है। पुल के खंबो के नीचे से अवेध खनन होने से अंग्रेजो के समय नदी पर बने इस इलाके के सबसे लंबे व मजबूत पुल को क्षति पहुंच रही है।



नदी में पानी की आवक के समय पुल के पास हुए अवेध खनन से पुल को खतरा उत्पन्न हो जायेगा। गोरतलब है कि इस व्यस्ततम रेल मार्ग पर प्रतिदिन दो दर्जन से ज्यादा मालगाडि़यो ओर सवारी गाडि़यो का आवागमन होता है। स्थानिय लोगो द्वारा लंबे समय से पुल के समीप हो रहे खनन को बंद करवाने की मांग हो रही है पर खनन विभाग,प्रशासन ओर रेल विभाग की कुंभकर्णी नींद नही खुल रही है। प्रशासन ओर खनन विभाग की बेरूखी से ग्रामीणो में रोष व्याप्त है। 



पर्यावरण प्रेमी सिलोर गांव के निवासी राजेन्द्रसिंह सोढा मान बताते है कि पुल के नीचे बजरी का गहराई तक खनन होने से नदी में बने पुल के पिल्लर कमजोर हो रहै है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है क्योकि इस रेल मार्ग पर मालगाडि़यो की आवाजाही बढ गई है। ग्रामीणो ने पुल के नीचे से पुल के दायरे में हो रहे खनन को रूकवाने की मांग की है।



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