शनिवार, 1 नवंबर 2014

"नीलोफर" की चर्चा, बादल और बूंदाबांदी

बाड़मेर। चक्रवाती तूफान नीलोफर के नुकसान की आशंका को लेकर जिले में शुक्रवार को दिनभर चर्चाओं का दौर चला। शुक्रवार को दिनभर बादल छाए रहे और बूंदाबांदी भी हुई। इधर, इसके कहर से बचने के लिए किसान जतन करते दिखे तो प्रशासन तैयारी करता नजर आया। इसके निपटने के लिए प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। राष्ट्रीय आपदा बचाव दल की टीम भी मुस्तैदी से इसकी तैयारी कर रही है।
"Neelofar" discussion, cloud and drizzle

अरब की खाड़ी से उठे नीलोफर तूफान से सीमावर्ती बाड़मेर जिले में तेज हवाएं चलने और बारिश की मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पिछले दो दिनों से चर्चाएं चल रही है। आशंकाओं के बीच गुरूवार सुबह बदले मौसम का असर शुक्रवार को भी पूरे दिन रहा। सुबह से ही बादल छाए रहे। जिला मुख्यालय पर गुरूवार रात और शुक्रवार अल सुबह रूक-रूक कर बूंदाबांदी हुई। वहीं रात दस बजे हल्की बूंदाबांदी हुई। ग्रामीण क्षेत्र में भी बूंदाबांदी हुई और कम गति से हवा चली।

इधर, नीलोफर से बचाव के लिए प्रशासनिक तैयारियां भी दिखी। शुक्रवार को कार्यवाहक कलक्टर हरभाण मीणा ने एनडीआरएफ की टीम से मिलकर बचाव को लेकर कार्य योजना बनाई। उन्होंने जिले के उपखण्ड अधिकारियों व तहसीलदारों को तैयार रहने और व्यापक असर होने पर जिला प्रशासन को सूचित करने के निर्देश दिए।

कंट्रोल रूम स्थापित
जिले में नीलोफर तूफान से निपटने के लिए जिला मुख्यालय सहित सभी उपखण्ड मुख्यालयों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। कलक्टर हरभान मीणा ने बताया कि जिला मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम का नम्बर 02982-222226 है। यह चौबीस घण्टे खुला रहेगा। इसी तरह उपखण्ड मुख्यालय व तहसील मुख्यालय पर भी कंट्रोल रूम होंगे, जहां चौबीस घण्टे स्टाफ कार्यरत रहेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी सभी उपखण्ड मुख्यालयों पर तैनात रहेगी। - 

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