सोमवार, 3 नवंबर 2014

जोधपुर मिलिट्र्ी स्टेषन में स्कूली बच्चों का दौरा



जोधपुर मिलिट्र्ी स्टेषन में स्कूली बच्चों का दौरा
सर्दनस्टार इन्फो केम्पेन 2014-15 के तहत भारतीय सेना की सबसे पुरानी वायु रक्षा रेजिमेन्ट द्वारा लगभग तीन सौ छात्रों का विजिट आयोजित किया गया जिसमें राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडट्स, जोधपुर षहर के विभिन्न विद्यालयों से आये हुए छात्रों, युवा वर्ग और मीडिया के सदस्यों को सबसे पुरानी वायु रक्षा रेजिमेन्ट का इतिहास तथा वायु रक्षा सैनिकों के कर्तव्यों से अवगत कराया गया।

इस अभियान को कोणार्क कोर की तरफ से जोधपुर में स्थित वायु रक्षा ब्रिगेड द्वारा आयोजित किया गया। यह वायु रक्षा ब्रिगेड हमारे देष के पष्चिमी सीमा की तरफ से आने वाले हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करती है और यह सुनिष्चित करती है कि दुष्मन के कोई भी हवाई जहाज हमारी वायु सीमा में घुसपैठ ना कर सके।

एयर डिफेंस ब्रिगेड के कमांडर ने स्वंय युवाओं का स्वागत किया एवम् भारतीय सेना की गौरवमयी कार्य प्रणाली का संक्षिप्त में विवरण किया। इसमें उन्होंने वायु रक्षा कोर का इतिहास, वायु रक्षा सैनिकों की गतिविधियों की जानकारी दी तथा बताया कि ये सबसे पुरानी रक्षा रेजिमेन्ट जिसने द्वितीय विष्व युद्व के दौरान अति प्रसिद्व जनरल सलिम की ग्प्ट सेना की टुकड़ी के साथ रंगून में प्रवेष करने वाली एक मात्र वायु रक्षा रेजिमेन्ट थी, इस युनिट ने देष के विभिन्न भागों में हुए सभी युद्वों में न केवल बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है बल्कि सफलतापूर्वक देष की वायु सीमा को दुष्मन के हवाई हमलों से बचाया है। वायु रक्षा रेजिमेन्ट के कर्तव्य, जिम्मेदारी और वायु रक्षा सैनिक के जीवन के योगदान से पूरी सेना अवगत है।

“सषक्त भारत के लिये युवा पीढी को तैयार करना” तथा सेना के विभिन्न अंगों में प्रवेष पाने के विकल्पों की जानकारी प्रेज़ेन्टेषन से दी गई। युवा सेना अधिकारियों से मेल मिलाप और विभिन्न प्रकार के आधुनिक हथियारों की जानकारी और प्रदर्षनी ने, न केवल युवाओं को लुभाया बल्कि सेना में प्रवेष के लिए प्रोत्साहित भी किया। कर्नल रोबी जार्ज और लेफ्टिनेंट कर्नल जगबीर सिंह दलाल, जिन्हें जम्मू और कष्मीर में आतंकवाद के विरूद्व आपरेषन में सेना मेडल प्राप्त किया, वीरता के परिचय से सभी छात्र अभिभूत हुए।

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