गुरुवार, 13 नवंबर 2014

फर्जी एनकाउंटर : 5 सैन्यकर्मियों को उम्रकैद की सिफारिश -



नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के माछिल में चार साल पहले हुए फर्जी मुठभेड़ मामले में सेना के दो अफसरों और तीन जवानों को आजीवन कारावास की सजा की सिफारिश की गई है।
five army men get life sentence over staged shootout


दोषी सैन्यकर्मियों में 4 राजपूत रेजिमेंट के एक कर्नल, एक कैप्टन और तीन जवान शामिल हैं। सेना के जनरल कोर्ट मार्शल ने इन सभी को आजीवन कारावास की सजा देने की सिफारिश की है।




सेना ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस मामले में अभी सक्षम अधिकारी सजा की पुष्टि करेंगे और इसके बाद यह प्रकिया पूरी होगी। इस प्रक्रिया में कुछ महीने का समय भी लग सकता है। इस मामले में उत्तरी कमान के सेना कमांडर सक्षम अधिकारी हैं।




सजा की पुष्टि के बाद दोषी अधिकारी सशस्त्र सेना न्यायाधिकरण और उसके बाद सुप्रीमकोर्ट में इस निर्णय को चुनौती दे सकते हैं। चार साल पहले माछिल में हुई मुठभेड़ में बारामुला के तीन निवासी मारे गए थे। सेना ने दावा किया था कि उसने एक मुठभेड़ में सीमापार से घुसपैठ कर रहे तीन आतंकवादियों को मार गिराया है।




इस मामले में दो आम नागरिकों के खिलाफ भी मुकदमा चल रहा है और वे भी जेल में बंद हैं। दोषी पाए गए अधिकारियों में कर्नल दिनेश पठानिया, कैप्टन उपेन्द्रसिंह, हवलदार देविन्दर, लांस नायक लख्मी और लांस नायक अरूण कुमार शामिल हैं। इन सभी को नौकरी के लाभों से वंचित कर दिया गया है।




इस मुठभेड़ के बाद जम्मू कश्मीर में हुए विरोध प्रदर्शन में कई लोग मारे गए थे। सेना ने मामले की जांच के लिए ब्रिगेडियर दीपक मेहरा के नेतृत्व में कोर्ट आफ इंक्वायरी का गठन किया।




जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया इस साल के शुरू में आरंभ हुई थी और इसने गत सितम्बर में अपनी सिफारिश दी थी। लगभग नौ महीने के अंदर जांच पूरी होने पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टि्वट किया है कि उम्मीद नहीं थी कि इस मामले में इतनी तेजी से न्याय होगा। खुद सेना के सूत्रों ने भी कहा है कि यह मामला बड़ी तेजी से निपटा है। -

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