शनिवार, 18 अक्तूबर 2014

डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक


डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक 

जैसाणे री बात ही अनोखी


अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का जल्वा बिखेरते हुवे लाखों प्रषंसकों के दिलों में राज करने वाले जैसलमेर के विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय डांस गुरू क्वीन हरिष को आज उनकी अस्मरणीय सेवाओं के लिये स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर जिला कलेक्टर एन.एल.मीणा द्वारा सम्मानित किया गया। यह हम सबके गौरव व फख्र की बात है।

  जैसलमेर में राजस्थानी लोक संगीत नृत्य का यह एक ऐसा कोरियोग्राफर लोक गुरू हैं जिसके अकेले जापान में 2000 से ज्यादा शार्गिद हैं और हर वर्ष इसमें लगातार वृद्धि हो रही है हरीश नाम का ये लोक गुरू मात्र 36 वर्ष का है जापानी युवक युवतियों में इस लोक गुरू से राजस्थानी लोक संगीत नृत्य सीखने में दीवानगी का ये आलम हैं कि हर वर्ष दर्जनों युवतियां राजस्थानी लोक संगीत व नृत्य सीखने जैसलमेर आती हैं और तो और हरीश स्वयं साल में एक बार जापान के अलग अलग शहरों में जाकर राजस्थानी नृत्य सीखने की वहां कक्षाएं आयोजित कर इन जापानी को नृत्य का प्रशिक्षण देता हैं।

हरीष द्वारा अब तक विभिन्न कक्षाओं के करीब 500 से ज्यादा कलाकारो को राजस्थानी लोक संगीत व भारतीय लोकनृत्य में प्रषिक्षित किया जा चुका हैं। राजस्थानी नृत्य जिसमें घुटना, चकरी, भवाई, तराजू, तेरह ताली, घूमर, चरी, कालबेलिया प्रमुख हैं जिसमें हरीष विशेष रुप से पारंगत हैं के इन नृत्यों का जादू वह करीब 60 देषों में फैला चुका हैं। इसके लिए इन्हें कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका हैं।

गौरतलब हैं कि हरीष एंड पार्टी द्वारा पेरिस में 1999 में आयोजित वल्र्ड फुटबाल कप, यू.एस.ए में सी.ए.टल चिल्डरन फेस्टीवल, बेल्जियम में कूल कैफे फेस्टीवल, षिकागो में वल्र्ड म्यूजिक फेस्टीवल, न्यूयार्क में सेंट्रल पार्क संमर स्टेज फेस्टीवल, स्कॉटलैंड में एडिनब्रा फेस्टीवल, लंदन में क्वीन एलिजाबेथ व हाल ही के डेजर्ट फेस्टीवल में अपनी कला का प्रदर्षन कर चुके हैं। इसके अलावा हरीष राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी अभियान कर अपना लोहा मनवा चुके हैं।

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