सोमवार, 13 अक्तूबर 2014

बालोतरा। समय पर ईलाज नही मिलने से मरीज ने तोड़ा दम

बालोतरा। समय पर ईलाज नही मिलने से मरीज ने तोड़ा दम

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। शनिवार की देर शाम को बालोतरा के राजकिय नाहटा अस्पताल में ईलाज के दोरान एक बुजुर्ग की मोत होने पर परिजनो ने चिकित्सको पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। टापरा गांव के 60 वर्षीय दोलाराम को पेशाब में तकलीफ होने पर सुबह करीब दस बजे नाहटा अस्पताल लाया गया था। परिजनो का आरोप है कि सुबह से लेकर शाम तक किसी भी चिकित्सक ने मरीज की सुध लेने की जहमत नही उठाई। परिजन दिन भी चिकित्सको से मिन्नते करते रहे पर किसी का भी दिल नही पसीजा। समय पर ईलाज नही मिलने पर देर शाम को बुजुर्ग का दम टूट गया। परिजनो ने मरीज को दुसरे अस्पताल ले जाने के लिये रेफर करने की भी गुहार भी की पर उन्हे रेफर भी नही किया गया। बाद में लापरवाह चिकित्सको के खिलाफ कड़ी कार्रवाही करने के आष्वाष्न पर परिजन शांत हो गये ओर शव उठा लिया। जानकारी के अनुसार अस्पातल के एक कम्पाण्डर की एंबुलेंस उपलब्ध नही होने के कारण अस्पताल के चिकित्साकर्मियो ने मरीज को जोधपुर रेफर नही किया। जानकारी के अनुसार    

ऐम्बुलेंस किराये में काटते है मरीज की जेब

अस्पताल के एक कंपाउण्डर ने अस्पताल में अपनी दो एंबुलेंस लगा रखी है ओर रेफर होने वाले मरीजो को उसकी एंबुलेंस में ही भेजने के लिये दुसरे कंपाउण्डरो को प्रती मरीज कमीषन भी देता है। नाहटा अस्पताल से रेफर होपे वाले मरीजो पर कंपाण्डर वाली एंबुलेंस में जाने का दबाव बनाया जाता है। साथ ही मरीज के साथ जाने के लिये भी मरीज के परिजनो को बरगलाया जाता है। अस्पताल के कंपाउएडर रेफर होने वाले मरीजो के साथ जाने क नाम पर मरीजो की जेब काट रहे है। ऐसे में बालोतरा का नाहटा अस्पताल का ईलाज ओर सरकारी एंबुलेंस की सुविधाए गरीबो के लिये आईने में लडुडु दिखाने के समान है।

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