सोमवार, 20 अक्तूबर 2014

बाड़मेर राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई







बाड़मेर एक दिवलो राजस्थानी भाषा  रे नाम आयोजित
राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई
बाड़मेर राजस्थानी  भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन ीकयो। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग परजोर तारके से रखीै ।इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया । इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाशा के नाम जलाऐ गयें।पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा।कार्यक्रम में अयोध्या प्रसाद गौड़  ,सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,भंवर लाल जेलिया ,नारायण सिंह इन्द्रोही ,डॉ हितेश चौधरी ,नरेश देव सारण ,जगदीश सेन पनावड़ा मुराद  अली ,  ,रमेश सिंह इंदा ,बाबू भाई शेख  ,मोटियार परिषद् के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,सुल्तान सिंह देवड़ा ,दिग्विजय सिंह चुली , छगन सिंह चौहान ,स्वरुप सिंह भाटी ,आईदान सिंह इन्दा ,जीतेन्द्र फुलवरिया , मगाराम माली ,जोगेन्द्र सिंह सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाशा के नाम दीपक जला भाशा की मान्यता के लिऐं सेंकल्प लिया


राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई। डॉ हितेश चौधरी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। दीया आस और विश्वास का प्रतीक है। हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा।गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें