शनिवार, 18 अक्तूबर 2014

दिवाली से पहले अच्छी खबर | पूर्व वित्त मंत्री के स्वास्थ्य में सुधार, वेंटिलेटर भी हटाया



आर्मी आरआर अस्पताल नई दिल्ली

पूर्वकेंद्रीय वित्त मंत्री जसवंत सिंह को अब ठीक होने की उम्मीद जाग उठी है। शुक्रवार को उन्हें आईसीयू से ऑफिसर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। तबीयत में लगातार सुधार के बाद डॉक्टर्स की टीम ने अब उनका वैंटीलेटर भी हटा दिया है। उनके वार्ड में शिफ्ट होने के बाद परिवार के लोगों के चेहरे पर रौनक गई है। जसवंत सिंह 7 अगस्त को नई दिल्ली स्थित घर में गिर गए थे। इससे उनके चेहरे के बायीं ओर चोट लगी थी। तब वे होश में थे। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य जांचा तब तक ब्लड प्रेशर वगैरह नॉर्मल थे। सिर पर सूजन की वजह से उन्हें आर्मी आरआर अस्पताल ले जाया गया। फिर तबीयत बिगड़ी तो वे कोमा में चले गए। तब से अब तक वे आर्मी आरआर अस्पताल के आईसीयू में ही थे। वेंटिलेटर पर। अब वेंटीलेटर भी हट चुका है और उन्हें ऑफिसर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी पत्नी शीतल कंवर ने भास्कर से कहा- आर्मी अस्पताल की पूरी टीम की वजह से ही जसवंत सिंह की तबीयत में सुधार आया है।

मेडिकल टीम खिलाती है खाना

जसवंतसिंह को स्नान करवाने से लेकर खाना खिलाने तक का काम मेडिकल टीम की ओर से किया जाता है। उनकी पत्नी शीतल कंवर बताती है। इस अस्पताल की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यहां हर मरीज भी खास ध्यान दिया जाता है। मेडिकल की यह टीम 24 घंटों में तीन शिफ्ट में कार्य करती है। एक समय में छह नर्सिंगकर्मी तीन डॉक्टर ड्यूटी पर रहते है।

प्रवेशसिर्फ परिजनों को

अस्पतालमें जसवंत सिंह की पत्नी, पुत्र पुत्रवधु के अलावा किसी को आईसीयू अब ऑफिसर वार्ड वन में प्रवेश की अनुमति नहीं है। उन्हें देखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व नरेश गजेसिंह लालकृष्ण आडवानी सहित कई वीआईपी मिलने आए लेकिन केवल परिवार से ही मिल पाए।

पत्नी शीतल कंवर के अनुसार वे आंखें खोलते हैं, सामने भी देखते हैं, लेकिन अभी भी बोल नहीं पा रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि जसवंत जल्द पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तो वेंटीलेटर भी हट चुका है और कभी कभी हाथ से पिलाने पर पानी भी पीते हैं। उपचार करने वाले डॉक्टर्स के अनुसार चोट लगने से खून बहने लगा था, लेकिन क्लोट नहीं जमा। यदि क्लोट जमता तो स्थिति कंट्रोल में आना मुश्किल थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया तथा करीब 20 अगस्त तक उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। लेकिन उसके बाद आंखों की पुतलियां कुछ हिलने लगी।

पत्नी ने बताया- आंखें खोलते हैं, बोल नहीं पा रहे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें