बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

बालोतरा।अस्पताल के बाहर ईलाज को मोहताज जिंदगी

बालोतरा।अस्पताल के बाहर ईलाज को मोहताज जिंदगी


रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। सिवाना उपखंड के समदड़ी कस्बे में इंसानियत,मानवता ओर धर्म को झकझोरने वाला मामला सामने आया है। एक ओर प्रदेष सरकार राज्य में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाए मुहैया करवान के दावे कर रही है पर अस्पतालो में आम लोगो के लिए चिकित्सकीय सेवाए सुलभ नही है। अस्पताल में आने वाले गरीब ओर जरूरतमंद लोगो को अस्पताल के कार्मिक बोझ समझकर अस्पताल से बाहर कर देते है। ऐसा ही मामला समदड़ी के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र के बाहर देखने को मिल रहा है। अस्पताल के बाहर पिछले पन्द्रह दिनो से एक बुजुर्ग बीमार हालात में पड़ा है पर चंद कदमो की दूरी पर स्थित अस्पताल की सेवाए उसे नसीब नही हो रही है। लोगो का कहना है कि 108 एंबुलेंस ने बुजुर्ग को आस पास के ग्रामीण ईलाके से उसको समदड़ी के अस्पताल में लाया था। तीन दिन उसे अस्पताल मे रखने के बाद उसे बाहर कर दिया गया। अस्पताल परिसर के बाहर बुजुर्ग जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा है। आस पास के लोग बीमार बुजुर्ग की सेवा कर रहे है। लोगो ओर जनप्रतिनिधियो का कहना है कि प्रषासन ओर अस्पताल प्रषासन बुजुर्ग की सुध नही ले रहा है। बुजुर्ग के बोलने में असमर्थ होने के कारण उसके घर ओर परिजनो के बारे मे भी जानकारी नही मिल पा रही है। बुजुर्ग के जालोर जिले के रानीवाड़ा के होने की संभावनाए जताई जा रही है। पंचायत समिति सदस्य पुरूषोतम सोनी ने बताया कि चंद कदमो की दूरी पर प्रषासन ओर चिकित्सा सेवा है पर बुजुर्ग की सुध लेने वालो कोई नही है। वही समदडी सामुदायिक केन्द्र के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर शिवमंगल नांगल का कहना है कि बुजुर्ग खुद ही अस्पताल के बाहर चला आया है पर उसकी चिकित्सा अस्पताल के बाहर भी हो रही है है।

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